नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज 16 दिसंबर सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में एक अहम निर्देश दिया है. इस मामले में मृत्युदंड पाने वाले चार दोषियों की दलीलों पर विचार करने की परिस्थितियों पर हलफनामें दायर करने को कहा है.


उनकी दलीलों पर विचार करने की परिस्थितियां बताने को कहा


न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने इस सनसनीखेज मामले में सुनवाई के बाद निर्देश दिया. अदालत ने दोष साबित करने और मृत्युदंड को चुनौती देने वाले इन दोषियों के वकीलों से हलफनामें दायर करके उनकी दलीलों पर विचार करने की परिस्थितियां बताने को कहा है.


ट्रेनों के महिला कोच में पुरुषों की घुसपैठ, 13 हजार से ज्यादा पकड़े गए


आरोपियों को सजा के लिए उचित प्रक्रिया तक का पालन नहीं किया : वकील


यह मौखिक निर्देश ऐसे समय आया है जब न्याय मित्र के रूप में पीठ की मदद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने कहा कि निचली अदालत और उच्च न्यायालय अपराध की प्रकृति से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने इस मामले में आरोपियों को सजा के लिए उचित प्रक्रिया तक का पालन नहीं किया.


अदालतों ने इस मामले में आरोपियों की दलीलों पर विचार नहीं किया : वकील


रामचंद्रन ने कहा था कि अदालतों ने इस मामले में आरोपियों की दलीलों पर विचार नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘आरोपियों और उनके वकीलों से उनकी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि के बारे में सवाल नहीं पूछे गए और मामले में गंभीरता कम करने की परिस्थितियों पर विचार नहीं किया गया. प्रत्येक आरोपी के मामले पर विचार नहीं किया गया और प्रत्येक आरोपी को मौत की सजा सुनाते समय अलग कारण भी नहीं बताए गए.’


राजधानी एक्सप्रेस में छेड़खानी कर रहा था नशे में धुत BSF जवान, मदद मांगती रही महिला


अनुच्छेद 14 और 21 के तहत समानता और जीवन की सुरक्षा का अधिकार


उनके अनुसार यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत समानता और जीवन की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली पूरे देश के हिला कर रख देने वाले बलात्कार कांड के चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है. अभी दोषियों की ओर से अपील की गई है.


16 दिसम्बर 2012 को हुई इस दर्दनाक घटना में छह को पकड़ा गया था


16 दिसम्बर 2012 को हुई इस दर्दनाक घटना में बस के चालक राम सिंह के साथ उसका भाई मुकेश, जिम इंस्ट्रक्टर विनय गुप्ता और फल बेचने वाले पवन गुप्ता को गिरफ़्तार किया गया था. राम सिहं ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था लेकिन बाद में उसने जेल में ही कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में छठा दोषी नाबालिग था जिसकी सजा पूरी हो चुकी है.


'चप्पल' से उतारा आशिकी का भूत, मनचलों को भरे बाजार में सिखाया सबक !