भोपाल : बीजेपी के नेता और आवास संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील वासवानी के घर पर पड़े आयकर छापे से रोज नये खुलासे हो रहे हैं. वासवानी के कोऑपरेटिव बैंक में नोटबंदी के बाद के दिनों में सौ से ज्यादा खाते खुले और उनमें करोडों रुपयों का लेनदेन हुआ. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वासवानी के बैंक में बीजेपी और संघ के नेताओं का पैसा नोटबंदी के बाद डाला गया.
आयकर विभाग का कहना है कि छापे की कार्रवाई जारी है
उधर आयकर विभाग का कहना है कि छापे की कार्रवाई जारी है. भोपाल के बैरागढ की संकरी सी गली में महानगर नागरिक सहकारी बैंक का दफ्तर है. ये बैंक बैरागढ़ के बीजेपी के नेता वासवानी का है. वो इसके संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं और अब उनकी पत्नी किरण अध्यक्ष हैं. तीन दिन से इस बैंक पर आयकर के छापे की कार्रवाई चल रही है.
देश के बाद अब विदेश में भी पकड़ा गया भारत का 'कालाधन', एक गिरफ्तार
नोटबंदी के बाद से सौ से ज्यादा खाते खोले गये, करोड़ों का लेनदेन भी
आयकर विभाग के सूत्रों की माने तो वासवानी के बैंक में नोटबंदी के बाद से सौ से ज्यादा खाते खोले गये और उनमें पुराने नोटों के रूप में करोडों रुपए जमा कराये गये. दरअसल इस बैंक के संचालक मंडल में बीजेपी और संघ के नेता जुडे हैं, इसलिये आशंका जतायी जा रही है कि क्या ये पैसा उनका है ?
वासवानी के पास करोडों की संपत्ति पायी गयी है
वासवानी के पास करोडों की संपत्ति पायी गयी है. वे संघ और बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. उनके संपर्क का दायरा बड़ा रहा है. यही वजह है कि इस बैंक के संचालक मंडल में बीजेपी सरकार के मंत्री उमाषंकर गुप्ता और संघ के बड़े नेता शशिभाई सेठ भी है. उनके छोटे भाई की पत्नी बीजेपी की पार्षद हैं. बस कंडक्टर से जिंदगी की शुरूआत करने वाले सुषील वासवानी की संपत्ति बेतहाशा है.
Pics : कालेधन का चक्रव्यूह : पहली बार जाल में 'बड़ी मछलियां' !
भोपाल के तीन अलग अलग इलाकों में सुदर्शन नाम से होटल
इनके भोपाल के तीन अलग अलग इलाकों में सुदर्शन नाम से तीन होटल हैं. नगर निगम में टैंकर और कंटेनर निर्माण का काम है और साथ ही बड़ा मैरिज हॉल है. इनके बेटे बाइक के दो-दो शोरूम चलाते हैं. साथ ही बैंकों में इनके आठ लॉकर हैं. संघ और बीजेपी में संपर्कों की बदौलत ही वासवानी को बीजेपी सरकार ने मध्यप्रदेश आवास संघ का अध्यक्ष और राज्य मंत्री का दर्जा बनाकर नवाजा था.
बस कंडक्टर से पार्षद तक का सफर बहुत तेजी से तय किया
ये तरक्की चौंकाने वाली है. वासवानी ने बस कंडक्टर से पार्षद तक का सफर इतनी तेजी से तय किया कि हैरानी होती है. हांलाकि वासवानी के समर्थकों का कहना है कि उनको बेवजह फंसाया जा रहा है. उधर आयकर विभाग के 50 से ज्यादा अफसर तीन दिन से वासवानी के घर बैंक और व्यापारिक ठिकानों में छापेमारी के काम को अंजाम दे रहे हैं.
सावधान ! 2000 के बाद अब बाजार में आ गया 500 रुपए का जाली नोट
फिलहाल उनके बैंकों के लॉकर खुलने का सिलसिला जारी है
फिलहाल उनके बैंकों के लॉकर खुलने का सिलसिला जारी है. उनसे सोना और जेवर निकल रहे हैं. मगर लोगों की निगाहें इस बात पर हैं कि वासवानी के बैंक में बीजेपी और संघ के किन नेताओं के पैसे जमा हुये.
बस कंडक्टर से करोड़ों के मालिक बने बीजेपी नेता पर कालेधन के 'गड़बड़झाले' का आरोप
ABP News Bureau
Updated at:
22 Dec 2016 09:09 PM (IST)
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -