रुपेश हत्याकांड: क्या बाहर से आए थे हत्यारे ? किसने दी थी 'सुपारी'
पुलिस ने स्वीकार किया है कि इस हत्याकांड में पेशेवर कातिल शामिल हैं जिससे यह तो साफ हो गया है कि हत्या कराने में किसी 'रसूखदार' ने सुपारी दी होगी.
नई दिल्ली/पटना: बिहार की राजधानी में सरेराह हुई सनसनीखेज हत्या की घटना ने दहला कर रख दिया है. इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह के सीने में 6 गोलियां दागकर मौत के घाट उतारा गया था. 12 जनवरी को इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. लेकिन, आज सातवें दिन भी पुलिस के हाथ कोई खास सबूत नहीं लगे हैं.
शुरूआदी जांचों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कहा जा रहा है कि हत्या पेशेवर कातिलों ने की है. इसके साथ ही जिस बंदूक से मारा गया है उसके मुंगेर निर्मित होने की आशंका जताई गई है. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पेशेवर कातिलों को दूसरे राज्य से बुलाया गया था या फिर वे लोकल ही थे. आमतौर पर ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर हत्यारे दूर निकल लेते हैं.
पुलिस ने स्वीकार किया है कि इस हत्याकांड में पेशेवर कातिल शामिल हैं जिससे यह तो साफ हो गया है कि हत्या कराने में किसी 'रसूखदार' ने सुपारी दी होगी. इस बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं. जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि इस हत्याकांड में नेता, अधिकारी और माफिया शामिल हैं.
पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि कई सरकारी ठेकों में रुपेश सिंह की संलिप्तता रही है. बहरहाल यह तो साफ ही है कि रुपेश सिंह बिहार के काफी रसूखदार लोगों के बीच चर्चित नाम थे. इनमें से कई लोगों के साथ उनका उठना बैठना था. हालांकि, पुलिस अभी तक हत्या के संभावित कारणों के बारे में चर्चा तक नहीं कर रही है.
पुलिस का पूरा जोर हत्यारों को खोजने में लगा है. गौरतलब है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार 7.65 एमएम की गोली से उनपर हमला किया गया है. पहले दूर से गोली मारी गई और फिर सटा कर पिस्टल की मैग्जीन खाली कर दी गई. इससे पता चलता है कि हत्यारे काफी पेशेवर थे. इसके साथ ही उनकी रेकी भी कई दिनों से हुई थी तभी हत्यारों को रुपेश के एक-एक मिनट का अपडेट था.
रुपेश का फोन उनकी कार में ही मिला है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस फोन से उन्हें काफी मदद मिलेगी. फॉरेंसिक की टीम फोन को खंगालने में लग गई है. इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है. एयरपोर्ट से लेकर उनके घर तक के रास्ते में तमाम सीसीटीवी देखे जा रहे हैं. जांच के लिए छह अलग-अलग एसआईटी गठित की गई है.