उत्तर प्रदेश में 34 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद इरफान को उसके व्यापारिक साथी और दोस्तों ने कथित तौर पर गला घोंट कर मार डाला. वह 18 मार्च से लापता था. शव को 30 टुकड़ों में काटकर बुलंदशहर-हापुड़ टोल प्लाजा के पास एक बंजर जमीन में दफना दिया गया था. हापुड़ पुलिस ने शरीर के अंगों को जमीन से खोदकर निकाला और उसके बचपन के दोस्त और बिजनेस पार्टनर मोहम्मद रागीब और एक दोस्त मोहम्मद आकिब को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. जबकि एक और दोस्त माजिद अली फरार है. पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.


पुलिस ने दावा किया कि पैसे के विवाद को लेकर इरफान की उसके दोस्तों ने हत्या कर दी थी. टोल प्लाजा के पास फास्टैग बेचने वाली अपनी दुकान से घर नहीं लौटने पर इरफान के परिवार ने उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. उनके दोस्त रागीब, जो टोल प्लाजा के पास एक रेस्टोरेंट भी चलाते हैं, उसने इरफान के बिजनेस में पैसा लगाया था और उनके साथ पार्टनर के तौर पर जुड़ गया था. दोनों ने मोहम्मद आकिब को उनकी अनुपस्थिति में दुकान का प्रबंधन करने के लिए काम पर रखा था.


चकमा देने की कोशिश


बाद में दोनों पार्टनर्स के बीच कुछ विवाद तब पैदा हो गया जब रागिब ने बिजनेस में बड़ा हिस्सा मांगा, जिसे शुरूआत में इरफान ने शुरू किया था. रागिब ने इरफान से कहा कि फास्टैग की दुकान सौंप दो या जो पैसा उन्होंने लगाया था उसे लौटा दो. इरफान के मना करने पर रागिब ने उसे मारने का फैसला किया. हापुड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) दीपक भुकर ने कहा कि इरफान के परिवार ने हमें बताया कि उसे आखिरी बार रागिब और आकिब के साथ देखा गया था. जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो उन्होंने शुरू में पुलिस को चकमा देने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.


उन्होंने कहा कि उनके बयानों में विसंगतियां हैं. उनके कॉल डिटेल्स से पता चला कि जिस रात वह लापता हुआ, उस रात वे लगातार उसके संपर्क में थे. लगातार पूछताछ के दौरान वे टूट गए और इरफान की हत्या करना कबूल कर ली. एसएसपी ने कहा कि हमने शरीर के अंगों को निकालने के लिए एक जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया. रागीब और आकिब को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके साथी माजिद अली की तलाश की जा रही है.


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