...तो इसलिए लड़कियों, महिलाओं को बंधक बनाता था बाबा वीरेंद्र देव!
मामले की अगली सुनवाई गुरुवार यानी 8 फरवरी को होगी. फिलहाल जांच एजेंसी सीबीआई अभी भी वीरेंद्र देव की खोज खबर में लगी है.
नई दिल्ली: कम उम्र की लड़कियों को अपने आश्रम में बंधक बनाने वाले बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित की कारगुजारियों पर एक और खुलासा हुआ है. बाबा के वकील ने कोर्ट में बताया कि क्यों बाबा लड़कियों और महिलाओं को अपने आश्रम में बंधक बनाता था. दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान बाबा के वकील ने दलील देते हुए कहा कि 'नारी नर्क का द्वार होती हैं' इसलिए उन्हें बंधक बनाया जाता था. यह दलील सुनकर कोर्ट में हर कोई सन्न रह गया.
बाबा के वकील के इस बयान से हर कोई भौचक्का था, क्योंकि यह बयान दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की बेंच के सामने दिया. कोर्ट में आज बाबा के कथित आश्रम और बाबा के कारगुजारियों के मामले पर सुनवाई होनी थी. जांच एजेंसी सीबीआई ने अदालत को बताया कि अभी तक वीरेंद्र देव का पता नहीं चल पाया है, हालांकि बाबा की तलाश की जा रही है.
इस बीच इस बात पर भी सवाल उठा कि आखिर बाबा के आश्रम को विश्वविद्यालय का नाम कैसे दिया गया? कोर्ट ने आश्रम के वकील से पूछा कि आखिर अगर उनके पास यूजीसी की मान्यता नहीं है तो इसको विश्वविद्यालय कैसे करार दिया गया? इस पर आश्रम के वकील की एक और टिप्पणी ने सब को सोचने पर मजबूर कर दिया. आश्रम की तरफ से पेश वकील ने दलील देते हुए कहा आश्रम खुद भगवान चला रहे हैं और भगवान को किसी मान्यता की जरूरत नहीं होती.
मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप लोगों को विश्वविद्यालय के नाम पर बेवकूफ बनाना बंद कीजिए. अगर आपके पास यूजीसी की मान्यता नहीं है तो फिर आप विश्वविद्यालय शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते, जिस पर आश्रम के वकील ने एक बार फिर से अदालत की बात से ही इत्तेफाक नहीं रखा.
आश्रम के वकील ने कहा कि हमारे गुरु जी ने कहा था कि इसको विश्वविद्यालय का नाम दिया जाए और उसके बाद आश्रम को विश्वविद्यालय का नाम दिया गया, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी एक बार फिर से सामने आई कि आखिर यह कैसा आश्रम है जहां पर महिलाओं और छोटी बच्चियों को बंधक बनाकर रखा जाता है? पुरुष गिने चुने ही होते हैं...कोर्ट ने पूछा कि ये आश्रम कैसे हो सकता है जहां पर किसी को अपने ही परिवार से मिलने से रोक दिया जाए?
अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार यानी 8 फरवरी को होगी. फिलहाल जांच एजेंसी सीबीआई अभी भी वीरेंद्र देव की खोज खबर में लगी है.