Gait Analysis: पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद अपराधी आए दिन किसी न किसी बड़े अपराध को अंजाम देते हैं, कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस और जांच एजेंसियों के पसीने छूट जाते हैं. इसके लिए इनवेस्टिगेशन के अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल होता है. एक ऐसा ही तरीका अब पुलिस इस्तेमाल करने लगी है. जिसे गेट (Gait) एनालिसिस टेस्ट कहा जा रहा है. महाराष्ट्र में इसका पहली बार इस्तेमाल हुआ, जहां मुंबई में हुए एक मर्डर केस को इसी गेट एनालिसिस की मदद से सुलझाया गया. आइए समझते हैं कि क्या है ये गेट एनालिसिस और पुलिस के लिए ये कितना मददगार साबित हो सकता है. 


मुंबई पुलिस ने सुलझाया केस
सितंबर 2021 में मुंबई शहर में एक युवती के साथ पहले रेप और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी. साकीनाका इलाके में ये महिला बुरी तरह घायल स्थिति में मिली थी. जिसके बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. बाद में पता चला कि युवती के प्राइवेट पार्ट्स में धारधार हथियार से वार किए गए थे, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. इस हत्याकांड के बाद पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई. हालांकि पुलिस के हाथ कोई भी ठोस सबूत नहीं लग रहा था. 


मुंबई पुलिस को उसी इलाके से एक सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें एक शख्स नजर आ रहा है लेकिन फुटेज इतनी खराब थी कि उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था. अब उसकी पहचान जानने के लिए पुलिस ने Gait एनालिसिस टेस्ट का सहारा लिया. इसके बाद तमाम सबूतों के आधार पर आरोपी मोहन चौहान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ये पहली बार था जब महाराष्ट्र में गेट एनालिसिस को एक फॉरेंसिक टूल के तौर पर इस्तेमाल किया गया. 


कोर्ट में दिए वीडियो
अब आपको इस सवाल का जवाब देते हैं कि आखिर कैसे गेट एनालिसिस के जरिए पुलिस ने आरोपी की पहचान को पुख्ता किया और कोर्ट में कैसे इसे साबित कर दिया. पुलिस ने हत्या वाली रात मिले सीसीटीवी फुटेज में आरोपी की चाल को रिकॉर्ड किया, इसके बाद उतनी ही दूरी और उसी लाइट कंडीशन में फिर से उसके चलने के स्टाइल को रिकॉर्ड किया. दोनों का गेट एनालिसिस कर इस नतीजे पर पहुंचा गया कि ये एक ही शख्स है. दोनों ही वीडियो कोर्ट में पेश किए गए. 


क्या होता है Gait एनालिसिस
सरल भाषा में समझा जाए तो गेट एनालिसिस और कुछ नहीं बल्कि किसी शख्स की चाल को परिभाषित करने को कहा जाता है. यानी आप किस एंगल से चलते हुए कैसे नजर आ रहे हैं, इसी का एनालिसिस किया जाता है. ये कोई क्राइम इनवेस्टिगेशन का तरीका नहीं, बल्कि मेडिकल ट्रीटमेंट का एक तरीका है. इसका इस्तेमाल चलने और इस दौरान आपके पोस्चर को ठीक करने के लिए किया जाता है. डॉक्टर इससे ये भी पता लगाते हैं कि शख्स को लगी चोट या दर्द का क्या सोर्स है. 


गेट एनालिसिस का इस्तेमाल ज्यादातर फिजियोथेरेपिस्ट भी करते हैं, एथलेटिक्स ट्रेनिंग में भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे एथलीट बेहतर और आराम से प्रदर्शन कर सकें. अब इस तकनीत का इस्तेमाल आपराधिक मामलों में संदिग्धों की पहचान करने के लिए भी किया जा रहा है. सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद आरोपी की पहचान करना गेट एनालिसिस से काफी आसान हो जाता है.


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