नई दिल्ली: आपके मोबाइल फोन से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है. आपकी मोबाइल पर की जा रही बातचीत बाजार में बिक रही है. आप किसे फोन करते हैं, कितनी देर बात करते हैं और कहां पर रहकर बात करते हैं? इस सारी जानकारी का सौदा हो रहा है. भारत की चार बड़ी निजी बीमा कंपनियों पर इस जानकारी को खरीदने का आरोप लगा है. खुलासा मुंबई के पड़ोसी शहर ठाणे की पुलिस ने किया है.
इन पर लगा है आरोप, जाजूसों की लेते थे मदद
पुलिस का दावा है कि देश की 4 बड़ी निजी बीमा कंपनियों के लिये कॉल डाटा निकाले जाते थे. बीमा क्लेम की सच्चाई का पता लगाने के लिए डाटा का इस्तेमाल किया जाता था. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एचडीएफसी एर्गो, रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस और कोटक महिंद्रा ने गैरकानूनी तरीके से कॉल डेटा रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया.
पुलिस का दावा है कि निजी जासूसों के जरिये कॉल रिकॉर्ड का डाटा बीमा कंपनियों तक पहुंचता था. ये डाटा वो मोबाइल कंपनियों से सीधे खरीद लिया करते थे. पुलिस ने इस आरोप में सात प्राइवेट जासूसों को गिरफ्तार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार जासूसों में भारत की पहली महिला प्राइवेट जासूस रजनी पंडित भी शामिल है.
कैसे होता था ये ?
आप फोन पर जो बात करते हैं मोबाइल कंपनियों के पास इसका डाटा तैयार होता रहता है. इसमें समें आपकी लोकेशन, किससे बात कर रहे हैं. ये निजी जानकारी सीडीआर यानी कॉल डेटा रिकॉर्ड के रूप में होती है जिसे खरीदना और बेचना पूरी तरह से गैरकानूनी है.
जब भी कोई ग्राहक बीमा कंपनी के पास एक्सीडेंट का क्लेम लेकर आता तो ये कंपनियां उसके क्लेम की सच्चाई पता करवाने के लिये एक तीसरी पार्टी को काम सौंपती थीं. तीसरी पार्टी प्राईवेट डिटेक्टिव्स की मदद से उस ग्राहक का कॉल डाटा निकलवाती जिससे पता चलता कि वो ग्राहक एक्सीडैंट के वक्त उस जगह पर था भी या नहीं.