(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार के दलित विधायकों ने आरक्षण पर खोला मोर्चा, प्रदर्शन के दौरान भूले सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ
पटना विधान सभा परिसर में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से लेकर नीतीश सरकार के मंत्री श्याम रजक समेत सभी दलों के दलित विधायकों ने आरक्षण को लेकर बैठक की. सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर नियम बनाने और चलने का पैगाम देने वाले ये विधायक खुद नियम तोड़ते दिखाई दिए.
पटना: बिहार विधानसभा परिसर में आज सभी पार्टी के विधायकों ने सोशल डिस्टेंसिंग को धता बताते हुए सदन के लॉबी के अंदर और बाहर जमकर नारेबाजी की. एकतरफ पूरा देश कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ रहा है तो दूसरी ओर बिहार के कुछ दलित विधायक वोटबैंक की राजनीति में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा खतरों से खेलते रहे.
दलित आरक्षण को लेकर आज बिहार की सभी पार्टियों के दलित विधायकों ने मंत्री श्याम रजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की अध्यक्षता में एक बैठक की जिसमें यह निर्णय लिया गया कि लाकडाउन के बाद सारे विधायक महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखेंगे और उनसे मुलाकात भी करेंगे. सदन के बाहर इन विधायकों ने सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ भी नारेबाजी की.
जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि ये लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन नहीं तो श्याम रजक ने कहा कि कोरोना हमारे लिए सबसे खतरनाक है, लेकिन दलितों का जिस तरह हत्या और अत्याचार हो रहे हैं, अपमान हो रहे हैं, हम दोहरी मार झेलने का काम कर रहे हैं. एक तरफ कोरोना तो दूसरे तरफ दलितों का अपमान, 5 हजार वर्षों से हम मार खाते रह रहे हैं. आजादी के बाद बाबा साहेब ने जो सम्मान दिया उसका भी धज्जियां उड़ाने का काम किया जा रहा है. तो कोरोना के निर्देश का हम पालन भी कर रहे हैं और साथ ही अपने सवालों पर जो चिंता है उस चिंता को इजहार करने का काम कर रहे हैं.
आज पूरे विधानसभा के 22 से 23 एमएलए आए थे, वो लोग बैठे थे और आगे और भी लोग आएंगे और बैठेंगे. सोशल डिस्टेंसिंग के सवाल पर इनका कहना था कि हमलोग ने पूरी कोशिश किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का जो निर्देश है उसका पालन किया जाए और पालन हमलोग ने करने का प्रयास किया है.
क्या है मांगे....
1.पूर्व से जारी आरक्षण और प्रमोशन मे आरक्षण को पुनः लागू करने एवं न्यायपालिका में प्रतिनिधित्ल आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का गठन करने के लिए अधिसूचना Ordinance लाने और कानून बनाने की कृपा करे.
2 इस विवाद को सदा के लिए सुलझाने के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजातिवर्गा के आरक्षण एवं प्रमोशन में आरक्षण के सभी प्रावधानों को सविधान की नौवीं अनुसूची में डालने के लिए संविधान संशोधन की आवश्यक कारवाई करने की भी कृपा करें.
कोरोना के संकट से हमलोग भी चिंतित है एवं मान रहे है कि संसद सत्र बुलाए बिना इस विषय को नौवों अनुसूची में शामिल नहीं किया जा सकता है परंतु पूरा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग संशकित व अपमानित महसूस करते हुए आक्रोशित है, तो तत्काल इस विषय पर सरकार एक वक्तव्य देने की कृपा करेगे ताकि हमलोगों को विश्वास हो कि आने वाले संसद सत्र में इसका निराकरण हो जायेगा.
3 सामान्य मेरिट चयन सूची में आने वाले सभी श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए पूर्ववत नियम को पुनः लागू करने की कृपा करें.