Delhi AQI: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रविंद्र भट ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण की मात्रा अधिक है और बाहर मौसम बिल्कुल ठीक नहीं है. एक किताब के विमोचन समारोह में जस्टिस भट ने कहा, 'मैं कहूंगा तो आप चौंक जाएंगे कि आज सुबह कुछ अच्छा है तो यह समारोह है, क्योंकि बाहर का मौसम बिल्कुल भी अच्छा नहीं है.'
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली की शाम छह बजे पीएम 2.5 कणों की मात्रा 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी जो शुक्रवार सुबह नौ बजे बढ़कर 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई जो कि सुरक्षित मानक से सात गुना ज्यादा है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर उत्सव नहीं हो सकता और स्पष्ट किया था कि जहां पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है वहां भी बेरियम युक्त पटाखों पर रोक रहेगी.
जस्टिस भट, असीम चावला की किताब “फाइंडिंग ए स्ट्रेट लाइन बिटवीन ट्विस्ट्स एंड टर्न्स’” का विमोचन करने एक समारोह में गए थे, जहां उनके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस विभु बाखरू भी सम्मानित अतिथि के तौर पर मौजूद थे. जस्टिस भट ने जजों की सेवानिवृत्ति पर भी बयान दिया और कहा कि उन्हें भी आराम करने देना चाहिए. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैं या जस्टिस संघी इस विचार से सहमत हैं कि सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ा देनी चाहिए. मुझे लगता है यह काफी है. हाई कोर्ट के जजों के लिए इसे 65 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है लेकिन इससे ज्यादा नहीं. हम भी आराम करना पसंद करेंगे.” उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह समय है कि हम युवाओं की भूमिका को भी स्वीकार करें. युवाओं के साथ नए विचार आते हैं.
गोपाल राय ने बीजेपी पर फोड़ा ठीकरा
दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. गोपाल राय ने कहा कि लोगों द्वारा पटाखे जलाए जाने के पीछे बीजेपी है. उन्होंने कहा, दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इसके पीछे दो कारण हैं. एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं. 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं. कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है.उन्होंने आगे कहा, भाजपा के नेताओं ने हर समय बयान दिए कि पटाखे जलाने से कुछ नहीं होता है, यह धर्म और त्योहार का मामला है. अब सभी वैज्ञानिक कह रहे हैं कि पटाखों से प्रदूषण होता है. दो दिन पहले हवा की जो गुणवत्ता थी, वह आज नहीं है.
ये भी पढ़ें