दिल्ली के डॉक्टरों को पहली बार फेफड़ों का ट्रांसप्लांट करने में सफलता हाथ लगी है जबकि मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित था. ट्रांसप्लांट करने की स्थिति तब बनी जब 31 वर्षीय मरीज के फेफड़े पूरी तरह डैमेज हो गए. इसके बाद शनिवार रात को मरीज का सफल ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन के लिए 15 लोगों की टीम गठित की गई थी.
मरीज के फेफड़े पूरी तरह डैमेज हो जाने के बाद उसे बार-बार ऑक्सीजन सपोर्ट की ज़रूरत पड़ रही थी. ऐसे में शनिवार की रात को जयपुर में डोनर मिला, जिसके बाद उसे हवाई एम्बुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया. डॉक्टरों की टीम ने शनिवार देर रात ही सर्जरी शुरू कर दी. सर्जन डॉ. राहुल चंदोला की अगुवाई में 15 लोगों की टीम ने 10 घंटे की मैराथन सर्जरी कर इस ऑपरेशन को सफल बनाया. इसके अलावा, दिल्ली के मैक्स अस्पताल के लंग ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की टीम ने जयपुर जाकर डोनर का फेफड़े लिए और अब मरीज की हालत स्थिर है.
सर्जन डॉ. राहुल चंदोला ने दी मामले की जानकारी
सर्जन डॉ. राहुल चंदोला ने मामले के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मरीज हरदोई का रहने वाला है और पेशे से मजदूर है. वो कोरोना संक्रमित था और उसका इलाज लखनऊ के केजीएमसी में चल रहा था. लेकिन धीरे-धीरे उसकी स्थिति गंभीर होती जा रही थी. इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने मैक्स हॉस्पिटल से संपर्क किया और मरीज को दिल्ली लाया गया. उन्होंने आगे बताया कि मरीज की जांच में पता चला कि उसके फेफड़े पूरी तरह डैमेज हैं और ट्रांसप्लांट करना ही एक मात्र उपाय है. वहीं, 2 महीने के इंतजार के बाद उन्हें जयपुर से डोनर मिल गया. इस दौरान मरीज के ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई थी.
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