नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है. ईस्ट दिल्ली के जैतपुर में जब पड़ोसियों ने बुजुर्ग महिला की अर्थी को कंधा देने से मना कर दिया तो दिल्ली पुलिस के सिपाही मदद के लिए आगे आए. पुलिसकर्मियों ने बुजुर्ग महिला के अर्थी को कंधा देकर अंतिम संस्कार करवाया. दिल्ली पुलिस ने ये खबर शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, "कुछ फ़र्ज़ निभाया, कुछ कर्ज़ उतारा."
बुजुर्ग महिला की रविवार रात मौत हो गई थी. सोमवार को अंतिम संस्कार में मदद के लिए कोई भी पड़ोसी तैयार नहीं हुआ. बुजुर्ग मृतक महिला का पति थाने पहुंचा और पुलिस से मदद मांगी. इसके बाद पुलिस की टीम ने जसपाल सिंह की पत्नी सुधा कश्यप (62) को कंधा दिया और श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करवाया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुधा कश्यप नवंबर से बीमार चल रही थी. उनके 26 साल के बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. बुजुर्ग महिला ने रविवार रात अपने पति के साथ खाना खाया था, लेकिन वह सुबह नहीं जागी. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं
जसपाल सिंह (66) पंजाब के अमृतसर के रहने वाले हैं और दिल्ली में उनका कोई रिश्तेदार नहीं है. पुलिस उपायुक्त आर पी मीणा ने कहा, ''क्योंकि वह अंतिम संस्कार की व्यवस्था नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्होंने पुलिस से मदद मांगी. पांच पुलिसकर्मी उनके घर गए और सारी व्यवस्था की. महिला का दाह संस्कार किया. इसके बाद उन्होंने जसपाल सिंह को उनके घर पर छोड़ दिया.
दिल्ली पुलिस ने कहा, कोरोनो वायरस महामारी को लेकर बहुत सारी अफवाहें चल रही हैं. लेकिन इस मामले में इस बात पुष्टि नहीं हुई है कि सुधा की मृत्यु कोरोनो वायरस के कारण हुई. फिर भी पड़ोसी और जसपाल के करीबी रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
ये भी पढ़ें-
दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल और उनकी गर्भवती पत्नी ने कोरोना को दी मात, 10 दिन की बेटी के साथ लौटे घर
कोरोना वायरस से संक्रमित हुए राष्ट्रपति भवन में तैनात दिल्ली पुलिस के एसीपी