दिल्ली-उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण पर बोले प्रकाश जावड़ेकर, केंद्र सरकार उठा रही हरसंभव कदम
सीएम केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा से आने वाला धुआं है. हालांकि दिल्ली में वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह ट्रैफिक भी है जहां करीब सवा करोड़ वाहन हैं.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली और उत्तर भारत में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है.
जावड़ेकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच सालों में 100 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार करने का दृढ़ संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई की जनसंख्या एक समान है और औद्योगिक और वाहनों से भी एक समान ही प्रदूषण होता है.
दिल्ली में प्रदूषण लेवल 'गंभीर' स्थिति में पहुंचा
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर भी प्रकाश जावड़ेकर ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले कुछ दिनों के दौरान 300 से ज्यादा रहा जबकि चेन्नई में सिर्फ 29 था, मुंबई में यह 140 और बेंगलुरु में 45 था." आपको बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण 'गंभीर" स्थिति में पहुंच चुका है. लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है.
दिल्ली सरकार की ओर से मिली प्रतिक्रिया
दिल्ली में पिछले एक दशक से पराली का धुआं सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण की बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा से आने वाला धुआं हैं. वहां के किसान अपने खेतों को साफ करने के लिए जो पराली जलाते हैं उसका धुआं दिल्ली और एनसीआर की हवा में जहर घोल देता है. मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, प्रदूषण बढ़ने में पराली जलने का योगदान 30 फीसदी तक हो सकता है. वहीं, दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए ज़रूरी कदम उठा रही है.
दिल्ली में बढ़ रही वाहनों की संख्या
दिल्ली में वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह ट्रैफिक है. दिल्ली शहर में करीब सवा करोड़ वाहन हैं. इनमें 32 लाख से ज्यादा कारें हैं और 70 लाख से ज्यादा टू व्हीलर. दिल्ली को धुआं-धुआं करने में सबसे ज्यादा योगदान इन्हीं का है. दिल्ली में प्रदूषण को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज ने 2010 और 2018 के बीच तुलना करते हुए जो आकड़ें जारी किए हैं. उनसे साफ है कि दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह वाहन हैं.
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