Firecrackers Guidelines: दिपावली पर पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर राज्य सरकारों ने गाइडलाइन जारी की हुई हैं. जहां कुछ राज्यों ने पटाखों पर थोड़ी बहुत ढ़ील के साथ प्रतिबंध लगाया है तो सुप्रीम कोर्ट ने पटाखें जलाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. हालांकि कुछ राज्यों ने एक तय समय-सीमा के अंदर ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल करने की अनुमति दी है. आइए जानते हैं पटाखों को लेकर क्या है गाइडलाइंस? 


कई राज्यों में पटाखों को जलाने को लेकर पूरी तरह से बैन है. जबकि कुछ राज्यों में ग्रीन पटाखों को जलाने के लिए परमिशन दी गई है. इसके साथ ही पटाखे जलाने के लिए समय सीमा तय की गई है, जिसका पालन करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई भी हो सकती है. इसके साथ ही कई राज्य सरकारों ने एक तय समय सीमा के मुताबिक ग्रीन पटाखें जलाने की अनुमति दी है.


मनोज तिवारी ने दायर की थी याचिका 
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल भी दिल्ली में दिवाली पर पटाखे जलाने पर पूरी तरह से बैन लगाया है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर पटाखों पर बैन को संस्कृति के खिलाफ बताया था. लेकिन कोर्ट ने मनोज तिवारी की याचिका को खारिज करते याथास्थिति को बरकरार रखा. 


दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
राजधानी दिल्ली में पिछले कई वर्षों से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. इसको देखते हुए दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह से बैन है. बैन को एक तबका पर्यावरण के लिहाज से सही ठहराता है तो दूसरा तबका इसे संस्कृति के खिलाफ बताता है. 


दिल्ली सरकार का फैसला
दिल्ली सरकार ने पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने पटाखों पर बैन की घोषणा की है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक ट्वीट में कहा, "दिल्ली में 1 जनवरी 2022 तक पटाखे रखने, बेचने और बनाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. इसके साथ ही रटाखों के ऑनलाइन बिक्री और डिलिवरी पर भी बैन रहेगा."


इसके अलावा, यूपी की योगी सरकार ने पिछले साल वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था. हालांकि इस साल अभी तक कोई नई गाइडलाइन नहीं आई है. पिछली दीपावली पर उत्तर प्रदेश में केवल हरित पटाखों की बिक्री और उसे जलाने की अनुमति दी गई थी. एनसीआर में किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री या जलाने पर पाबंदी लगाई है.