रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के विकास के लिए लगातार काम कर रही हैं और जल्द ही आप इस रुट पर सफर कर सकेंगे. इस रूट की खास बात यह होगी कि यह कई शहरों के बीच की दूरी को कम कर देगा, जिससे यात्रा में पहले की तुलना में काफी कम समय लगेगा. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री द्वारा दिए गए जानकारी के मुताबिक यह रुट आपकी यात्रा के समय को 24 घंटे से घटाकर 12-12.5 घंटे कर देगा. यानी पहले की तुलना में आधे समय में आप यात्रा कर सकेंगे. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के रिपोर्ट के मुताबिक 98,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है. उम्मीद है कि मार्च 2023 तक आप इस रुट पर सफर कर सकेंगे. 


क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे?
रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 9 मार्च 2018 को रखी थी. इस प्रोजेक्ट का बजट 98,000 करोड़ रुपये है. वहीं इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 1,380 किमी है. इस एक्सप्रेसवे की खास बात यह होगी कि यह मुंबई, जेवर हवाई अड्डा और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट जोड़ देगा. साथ ही इससे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे व्यावसायिक क्रेंद्र भी आपस मे जुड़ेगें और इससे यात्रा का समय कम हो जाएगा. इस रुट से बिजनेस व्यवसाय भी भविष्य में आसान हो जाएगा. बता दें कि मंत्रालय ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के विकास के लिए राज्यों से भी मदद ली और 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया. 


दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर होंगी कई तरह की खास सुविधाएं
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे ना सिर्फ आपके यात्रा का समय कम कर देगा, बल्कि सरकार इस पर कई तरह की सुविधाए भी दे रही है. आठ-लेन एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे को 12-लेन एक्सप्रेसवे तक विकास किया जाएगा. इस रूट पर यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलेंगी. एक्सप्रेसवे पर  रेस्तरां, फूड कोर्ट, रिसॉर्ट्स, फ्यूल स्टेशन समेत कई तरह की सुविधाएं यात्रियों को दी जाएंगी.  


साथ ही मंत्रालय ने इस रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खास व्यवस्थाएं भी की है, जैसे कोई दुर्घटना हो जाए तो घायलों की तत्काल मदद के लिए एक हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा और एक हेलीपोर्ट होगा. इसके अलावा, इस रूट पर सड़क के किनारे दो मिलियन से अधिक पेड़-पौधे लगाए जाएंगे. खास बात यह है कि एक्सप्रेसवे से यात्रा करने पर सलाना 320 मिलियन लीटर से अधिक फ्यूल की बचत होगी. CO2 उत्सर्जन में 850 मिलियन किलोग्राम की कमी आएगी. देश में पॉल्यूशन एक बड़ी समस्या है. इस रूट से काफी हद तक इसमें कमी आएगी. 


मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक एक्सप्रेस-वे बनने में 12 लाख टन से अधिक स्टील औऱ लगभग 80 लाख टन सीमेंट की खपत होगी. वहीं इस प्रोजेक्ट पर कई हजार ट्रेंड इंजीनियर काम कर रहे हैं. 


हरियाणा रूट पर खर्च होगा 10,400 करोड़ रुपये
यह रूट केएमपी और डीएनडी सोहना जैसे प्रमुख राजमार्गों को जोड़ेगा और कई इंटरचेंज होंगे, जिससे नूंह और पलवल में कनेक्टिविटी का विकास होगा. इस रूट का बजट 10,400 करोड़ रुपये है. इस रुट से लगभग 73 गांवों का विकास होगा.


राजस्थान रूट की लागत है 16,600 करोड़ रुपये
राजस्थान रूट पर लगभद 16,600 करोड़ से अधिक खर्च होगा. यह रूट अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों को जोड़ेगा. इस रूट के विकास के लिए कई नदियों बाणगंगा नदी, बनास नदी, मेज्रीवर और चंबल नदी पर पुल बनाए गए हैं. 


मध्य प्रदेश में खर्च होगा लगभग 8,500 करोड़ रुपये 
मध्य प्रदेश रूट लगभग 250 किमी लंबा होगा. इस रूट पर लगभग 8,500 करोड़ खर्च होगा. मंत्रालय के रिपोर्ट के मुताबिक  यह रुट पश्चिमी मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगा और मंदसौर, रतलाम और झाबुआल का विकास होगा.


मिलेंगी विश्व स्तरीय परिवहन सुविधाएं  
रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में 60 बड़े पुल, 17 इंटरचेंज, 17 फ्लाईओवर और आठ रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) बनेंगे. रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 33 वेसाइड सुविधाएं भी होंगी. 


महंगा होगा इस रुट पर सफर करना 
मंत्रालय ने कहा है, ‘एक्सप्रेसवे पर टोल लगेगा, लेकिन अभी तय नहीं किया गया है कितना. हालांकि अच्छी सेवाएं चाहते हैं तो भुगतान तो करना पड़ेगा.