दरभंगा: कोरोना काल में अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा लाने वाली 15 साल की ज्योति की हर कोई प्रशंसा कर रहा है. ज्योति कुमारी ने अपने पिता को साइकिल पर पीछे बैठाकर सात दिन में 1200 किमी का सफर तय किया. उनके इस हौसले और जज्बे को देखकर लोग ज्योति की मदद और सम्मान के लिए आगे आ रहे हैं. अब दरभंगा डाक विभाग ने ज्योति के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया है.
दरभंगा पोस्टल विभाग के अधीक्षक उमेश चंद्र प्रसाद सोमवार को ज्योति के घर पहुंचे और डाक टिकट देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही ज्योति को 5100 रुपये का चेक दिया और डाकघर में ज्योति के नाम से खाता भी खोला.
इससे पहले भी बिहार में कई संस्था और लोग ज्योति के सम्मान में उसे पुरस्कृत कर चुके हैं.
सुपर 30 ने ज्योति को इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए आमंत्रित किया
बिहार की चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर 30 ने ज्योति को इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के लिए न्योता दिया है. सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सोमवार को फेसबुक पर प्रणव के ज्योति से मुलााकत की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "बिहार की बेटी ज्योति कुमारी ने हरियाणा से 1200 किलोमीटर साईकिल चलाते हुए अपने बीमार पिता को दरभंगा लाकर मिसाल कायम किया है. कल मेरे छोटे भाई प्रणव कुमार ने ज्योति से मुलाकात की. अगर ज्योति आगे चलकर आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करना चाहेगी तो हम लोगों का सौभाग्य होगा कि वह सुपर 30 का हिस्सा बने. इंजीनियरिंग की पढ़ाई में होने वाले खर्च की व्यवस्था हमलोग ही करेंगे."
बिहार की ज्योति को 'ब्रांड एंबेसडर' बनाने पर विचार करेगा स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने 1200 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को हरियाणा के गुरुग्राम से दरभंगा पहुंचाने वाली 15 साल की ज्योति की सराहना करते हुए कहा कि उनका मंत्रालय इस किशोरी को ब्रांड एंबेसडर बनाने पर विचार करेगा. उन्होंने कहा, "ज्योति ने विपरीत परिस्थितियों में अदम्य साहस का परिचय देते हुए जो काम किया है, वह अद्भुत है."
ज्योति को स्वयंसेवी संस्था ने दिया नि:शुल्क शिक्षा का प्रस्ताव
ज्योति को एक स्वयंसेवी संस्था ने नि:शुल्क शिक्षा देने और उनके पिता मोहन पासवान को नौकरी देने का प्रस्ताव दिया है. डॉ गोविन्द चंद्र मिश्रा एजुकेशनल फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ गोविंद चंद्र मिश्रा ने शनिवार को ज्योति से मुलाकात कर इस संबध का एक प्रस्ताव पत्र सौंपा.
संस्था के चेयरमैन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन में फंस जाने की वजह से ज्योति के पिता को कई तरह से आर्थिक और मानसिक संकट के दौर से गुजरना पड़ा है. इस दौरान ज्योति ने अपने पिता को साइकिल पर बिठा कर दरभंगा पहुंचकर समस्त मिथिला क्षेत्र के लिए एक मिसाल कायम की है.
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