डॉ मुरली मनोहर जोशी: फिजिक्स के इस प्रोफेसर ने लिखी थी हिंदी में थिसिस, बाद में बने बीजेपी की 'तीसरी धरोहर'
अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने आरएसएस की पृष्ठभूमि से राजनीति में अपना कदम रखा. भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने में इन तीनों ही नेताओं का बड़ा योगदान रहा.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी का आज 89वां जन्मदिन है. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और उनके स्वस्थ और दीर्घायु होने की कामना की.
इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर लिखा,‘डॉ. मुरली मनोहर जोशी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. एक विद्वान और प्रतिष्ठित राजनेता, सेवा, शिक्षा और भारतीय संस्कृति के संरक्षण के प्रति उनका जुनून अनुकरणीय है. बीजेपी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका रही है. मैं उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं.’
Birthday wishes to Dr. Murli Manohar Joshi Ji. A fine scholar and distinguished statesman, his passion towards service, education and preserving Indian culture is exemplary. His role in strengthening BJP is monumental. Praying for his long and healthy life. @drmmjoshibjp
— Narendra Modi (@narendramodi) January 5, 2023
मुरली मनोहर जोशी भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे हैं. मुरली मनोहर जोशी एनडीए सरकार में भारत के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री थे. डॉ. जोशी साल 1996 में बीजेपी की 13 दिनों की सरकार में गृह मंत्री भी रहे हैं. वह आधुनिक, मजबूत और विविधतापूर्ण भारत के काफी प्रशंसक भी रहे हैं. आइये जानते हैं उनकी जिंदगी जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से..
मनोहर सिंह जोशी ने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई मेरठ कॉलेज और मास्टर्स डिग्री इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से प्राप्त की. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की, उन्होंने फिजिक्स में थिसिस हिंदी में लिखा था. उस समय इस काफी चर्चा हुई थी.
डॉ जोशी सिर्फ 10 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे. उन्होंने राजनीति में पहला कदम साल 1953-54 में रखा था. उस वक्त गाय बचाओ आंदोलन में उन्होंने भागीदारी की थी. इस कुंभ किसान आंदोलन में भू राजस्व मूल्य कम करने पर जोर दिया गया था.
इतना ही नहीं भारत में इमरजेंसी के दौरान यानी साल 1975 में मुरली मनोहर जोशी पर मुकदमा भी चला था. वह 7 बार मध्यप्रदेश से भी लोकसभा के सदस्य रह चुके है. साथ ही 1977-2014 तक लगातार सात सालों तक इन्होंने उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनावों में भी जीत दर्ज की. इसके साथ ही वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फिजिक्स के प्रोफेसर भी रह चुके हैं.
मुरली मनोहर जोशी का उपलब्धियां
मानव संसाधन मंत्री के तौर पर भी मुरली मनोहर जोशी ने बदलाव करते हुए कई पुरानी चीजों को बदला और लड़कियों को मुफ्त शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान, संस्कृत शिक्षा, मदरसों को आधुनिक और कंप्यूटर से लैस बनाना, उर्दू में शिक्षा को बढ़ावा देना, स्कॉलरशिप में इजाफा आदि में कई बदलाव उनके द्वारा लाए गए.
मुरली मनोहर जोशी साल 1992-96 तक राज्यसभा में रहें. इस दौरान वह कई समितियों जैसे विज्ञान एवं तकनीक पर स्टैंडिंग कमेटी, पर्यावरण एवं वन, सिलेक्ट कमिटी ओन पेटेंट लॉ, सिलेक्ट ट्रेडमार्क आन ट्रेड मार्क बिल, स्टैंडिंग कमेटी आन फाइनेंस, रक्षा सलाहकार समिति समेत कई अन्य समितियों के सदस्य भी बने.
मुरली मनोहर जोशी ने ही पैक (पब्लिक अकाउंट्स कमेटी) के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने पहली बार सार्क देशों के पैक को बुलाकर सम्मेलन का आयोजन किया था.
डॉ. जोशी के नेतृत्व में कई ऐसे कदम उठाए गए जिनसे महिलाओं, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों को फायदा मिले, तेजी से इन प्रयासों को गति देने के लिए काम की प्रक्रिया में तेजी लाई गई. डॉ. जोशी प्रधानमंत्री की आईटी टास्क फोर्स के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने इस कड़ी में 11 राजकीय स्तर के इंजीनियरिंग कॉलेजों को अपग्रेड करते हुए एनआईटी में तब्दील कर दिया और दाखिले की संख्या भी बढ़ा दी.
राजनीति में डॉ. जोशी का काफी अहम योगदान रहा. उन्होंने संस्कृति के मामले में भी काफी अहम योगदान दिया। उन्होंने महात्मा बुद्ध, खालसा पंथ, रामकृष्ण मिशन, संत ज्ञानेश्वर और छत्रपति शिवाजी से लेकर महात्मा गांधी और गालिब द्वारा दी गई शिक्षा को भी अलग-अलग तरह से पाठ्यक्रम में शामिल करने की नीति बनाई.
राजनीतिक यात्रा
- साल 1953-54 तक गौ संरक्षण आंदोलन में भाग लिया था.
- साल 1955 में यूपी के कुंभ किसान आंदोलन के एक्टिव मेंबर रहें.
- साल 1977 में अल्मोड़ा निर्वाचन क्षेत्र से जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए सांसद बने.
- साल1980 में बीजेपी में शामिल हुए. जहां उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया.
- साल 1991 से 1993 तक वह बीजेपी के अध्यक्ष थे.
- 1996 में इलाहाबाद निर्वाचन क्षेत्र से संसद के सदस्य बने.
- साल 1998 से 2004 तक मानव संसाधन विकास मंत्री रहे.
- साल 2009 में उन्हें बीजेपी के घोषणापत्र तैयारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था.
- साल 2009 के आम चुनाव में उन्हें वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुना गया.
- 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पीएम नरेंद्र के लिए अपनी सीट खाली कर दी, कानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा
बीजेपी की तीसरी धरोहर
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से प्रधानमंत्री बनने तक वाजपेयी के साथ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का नाम हमेशा जुड़ता रहा. मुरली मनोहर जोशी को बीजेपी की तीसरी धरोहर भी कहा जाता है. देश में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री के पद पर थे तब आडवाणी उप प्रधानमंत्री थे तो जोशी मानव संसाधन विकास मंत्री. इन तीनों नेताओं को लेकर एक नारा खूब लगता था, 'भाजपा की तीन धरोहर- अटल-आडवाणी-मुरली मनोहर.
दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने आरएसएस की पृष्ठभूमि से राजनीति में अपना कदम रखा. भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने में इन तीनों ही नेताओं का बड़ा योगदान रहा. 80 के दशक में तीनों ने भाजपा खड़ा करने में जमकर मेहनत की. तीनों नेताओं की उम्र में भी ज्यादा फर्क नहीं था. जोशी तीनों में छोटे नेता रहे, वो आज यानी 5 जनवरी 2023 को अपना 89वां साल मना रहे हैं.
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