चुनावी राज्यों में ED-CBI की सक्रियता ने कांग्रेस नेताओं की बढ़ाई टेंशन, रडार पर ये दिग्गज भी
चुनावी राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई नेता सेंट्रल एजेंसी की रडार पर हैं. इनमें एक राज्य में मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तारी का डर सता रहा है.
चुनावी साल में ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की सक्रियता ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है.हाल ही में ईडी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 2 बड़े छापे मारे हैं. दोनों बड़े छापे कांग्रेस नेताओं के करीबियों पर पड़ा है.
कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन तीनों चुनावी राज्यों में ईडी और सीबीआई की कार्रवाई में तेजी आ सकती है. कांग्रेस पहले ही इसकी संभावना भी जता चुकी है. कांग्रेस के कई नेता सेंट्रल एजेंसी की रडार पर हैं. इनमें एक राज्य में मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तारी का डर सता रहा है.
दुरुपयोग कर कांग्रेस का कहना है कि चुनावी साल में सेंट्रल एजेंसी का केंद्र चुनाव को प्रभावित करना चाहती है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में कहा था कि गली में जैसे कुत्ते घुमते हैं, उसी तरह यहां सीबीआई-ईडी के अधिकारी घूम रहे हैं.
कोई करीबी के कारण तो कोई खुद से रडार पर
कांग्रेस के कई नेता करीबियों पर कसे जा रहे शिकंजे की वजह से सेंट्रल एजेंसी की रडार पर हैं. इनमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं. वहीं कई नेता खुद की वजह से सेंट्रल एजेंसी की कार्रवाई की जद में हैं.
आइए उन्हीं नेताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं...
1. कमलनाथ- कमलनाथ अब तक किसी भी मामले में सीधे तौर पर ईडी या सीबीआई के रडार में नहीं हैं, लेकिन उनके 3 करीबी सेंट्रल एजेंसी की कार्रवाई की जद में आ चुके हैं. 2019 में उनके भांजे रतुल पुरी, ओएसडी प्रवीण कक्कड़ और निजी सचिव आरके मिगलानी के यहां आयकर छापा पड़ा था.
बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में ईडी ने रतुल पुरी को गिरफ्तार भी किया था. फिलहाल, वे जमानत पर हैं. मिगलानी और कक्कड़ पर जब आयकर की कार्रवाई हुई थी, तो उस वक्त एक कथित ऑडियो टेप वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि कमलनाथ कक्कड़ के साथ कथित तौर पर लेन-देन की बात कर रहे हैं.
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह से भोपाल में पत्रकारों ने कमलनाथ पर कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा था, जिस पर उन्होंने कहा था कि जल्द होगी. शाह के बयान को कांग्रेस ने राजनीति से प्रेरित करार दिया है.
2. गोविंद सिंह- मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को भी ईडी ने जनवरी 2023 में नोटिस जारी किया था. हालांकि, सिंह नोटिंस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में ही है.
ईडी ने 2019 के एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गोविंद सिंह को नोटिस भेजा था. नोटिस में ईडी ने कहा था कि आप दिल्ली आकर बयान दर्ज करवाएं. सिंह ने इसे बदले की कार्रवाई बताया और ईडी से पूरे मामले की जानकारी मांगी.
3. भूपेश बघेल- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी ईडी की रडार पर हैं. सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ की सरकार भूपेश की गिरफ्तारी की आशंका भी जता चुके हैं. सरकार का कहना था कि शराब घोटाले में ईडी जानबूझकर मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूत तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उन्हें गिरफ्तार किया जा सके.
हाल ही ईडी ने भूपेश के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के यहां छापा मारा था. वर्मा के यहां छापेमारी के बाद भूपेश ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. बघेल ने कहा था उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है और जितने छापे पड़ेंगे, चुनाव में बीजेपी की सीटें उतनी ही घटेंगी.
4. राम गोपाल अग्रवाल- छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल भी ईडी की रडार पर हैं. अग्रवाल के घर पर सेंट्रल एजेंसी की छापेमारी भी हो चुकी है. ईडी कोल ट्रांसपोर्टेशन में अवैध उगाही के आरोप में अग्रवाल के घर पर छापे की कार्रवाई की थी.
कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में कोल ट्रांसपोर्टेशन का मामला करीब 500 करोड़ रुपए का है. इस मामले में 9 आरोपी अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ अफसर सौम्या चौरसिया और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी जैसे प्रमुख नाम हैं.
5. ऐजाज ढेबर- रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता ऐजाज ढेबर भी सेंट्रल एजेंसी की रडार पर हैं. ऐजाज के भाई अनवर शराब घोटाले में ईडी गिरफ्तार भी कर चुकी है. ऐजाज से भी मई में 11 घंटे की पूछताछ सेंट्रल एजेंसी ने की थी.
हालांकि, ऐजाज का कहना है कि यह मामला राजनीतिक से प्रेरित है. अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित हुए, तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
ईडी के मुताबिक 2019-2022 तक 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला छत्तीसगढ़ में हुआ है. ईडी अब तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 170 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति इस मामले में अटैच की गई है.
6. महेश जोशी- अशोक गहलोत के करीबी मंत्री महेश जोशी भी ईडी की रडार पर हैं. हाल ही में ईडी ने मंत्री जोशी के ओएसडी और करीबी मित्र के यहां छापेमारी की कार्रवाई की है. ईडी ने यह कार्रवाई जल-जीवन मिशन में हुए घोटाले के एक शिकायत पर की है.
जोशी राजस्थान के जलदाय मंत्री हैं. शिकायतकर्ता बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा के मुताबिक जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ रुपये का घपला हुआ है.
7. प्रताप सिंह खाचरियावास- अशोक गहलोत कैबिनेट में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं. खाचरियावास ने साल 2020 में ईडी ने करीब 7 घंटे की पूछताछ की थी. खाचरियावास सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग के मंत्री हैं.
खाचरियावास पर आरोप हैं कि पीएसीएल कंपनी के एजेंट के रूप में प्रताप सिंह खाचरियावास के परिवार की कंपनी बॉर्डर पर जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम करती थी. इसी के लेन-देन में फर्जीवाड़ा किया गया है. हालांकि, खाचरियावास का कहना था कि यह सब बदले की कार्रवाई है.