दुनिया में क्या इंसान ही सबसे होशियार और चालाक प्राणी है? अगर आप अपने आपको सबसे बुद्धिमान समझते हैं तो ऐसा नहीं है. बंदरों के बाद कौवों में भी चालाकी पाई जाती है. उनमें भी विशेष परिस्थिति में अपने आपको ढालने की क्षमता होती है. एक हालिया शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि कौवे अपनी खुराक गुमनाम जगह से भी हासिल कर लेते हैं.


न्यू क्येलेड्यूनीन कौवे टहनियों और तिनकों की मदद से पेड़ के तनों में छिपे कीड़े मकोड़ो को निकाल कर खा जाते हैं. इस प्रजाति के कौवे कोविर्ड नामी परिवार से संबंध रखते हैं. ऐसी प्रजाति में नीलकंठ, मीना और पहाड़ी कौवे शामिल हैं. विशेषज्ञ उनके अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि कोविर्ड परिवार से संबंध रखने वाले कौवों में बुद्धिमता पाई जाती है. जिसकी मदद से विशेष परिस्थिति में अपना जीवन संभव बनाते हैं.


आम तौर पर बंदर, लंगूर और इंसानों के दिमाग में न्यूकारटिक्स पाया जाया जाता है. जिसके कारण उन्हें होशियार माना जाता है. मगर कोविर्ड प्रजाति के कौवों के दिमाग में न्यूरोन या दिमागी कोशिकाएं के गुच्छे पाये जाते हैं. ये उनकी बुद्धिमता में इजाफा करते हैं. ये किसी मुश्किल परिस्थिति में खुद को ढालने की क्षमता रखते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि न्यू केलेड्यूनीन कौवे असाधारण काम कर सकते हैं. ये कौवे अपने हथियार को इस्तेमाल करने वाले अकेले पक्षी नहीं हैं बल्कि तोता, चैंपेजी, मगरमच्छ और कीड़े शामिल हैं. उनमें याद रखने की क्षमता भी होती है.


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