Extortion Case: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Commissioner Paramvir Singh) के खिलाफ दर्ज वसूली के मामलों (Extortion Case) में से एक मामले के विशेष सरकारी वकील प्रदीप घरत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, DGP, और ठाणे पुलिस को शिकायत की है. उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है की इस मामले का जांच अधिकारी लापरवाही कर रहा है और जाँच से सम्बंधित बातें उनसे साँझा नहीं कर रहा है जिस वजह से इसका फायदा आरोपियों को जो सकता है.


घरत में अपनी शिकायत में यह भी मांग की है की जाँच अधिकारी के इस तरह के बर्ताव का क्या कारण है इसकी भी जांच होनी चाहिए ताकि सही वजह पता चले. आपको बता दें की घरत जिस मामले की बात कर रहे हैं वो मामला ठाणे के ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिस मामले में शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद परमबीर सिंह समेत, ACP एनटी कदम, पीआई राजकुमार कोठमिरे, पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप सिंह और गैंगस्टर रवि पुजारी समेत 28 लोगों के ख़िलाफ़ वसूली का मामला दर्ज हुआ था.


30 सिंतबर को किया गया था नियुक्त


प्रदीप घरत ने ABP न्यूज़ से बातचीत में बताया की इस मामले में उन्हें विशेष सरकारी वकील के तौर पर 30 सितंबर को नियुक्त किया गया था, जिसकी जानकारी सरकार की तरफ़ से जाँच अधिकारी से लेकर हर बड़े अधिकारी को दी जाती है. इस मामले के जाँच अधिकारी बाबासाहेब निकम को भी यह पता है को वो इस मामले में सरकार की तरह से जिरह करेंगे पर घरत का आरोप है की निकम उन्हें जाँच से जुड़ी कोई जानकारी नहीं देते जिस वजह से उन्हें इस मामले में कुछ पता नहीं चल रहा है.


जांच अधिकारी का व्यवहार उठाता है कार्य प्रणाली पर सवाल


जांच अधिकारी निकम का इस तरह का व्यवहार उनके कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है और जिसकी वजह से आरोपियों को भी इसका फ़ायदा मिलता दिख रहा है. मुझे तो कभी कभी ऐसा लगता है कि अगर मुझे कोर्ट में किसी चीज़ पर जिरह करने कह दिया गया होता तो मैं नहीं कर पता. 


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