Xplained: Farm Laws पर किसान और केंद्र सरकार के बीच हुई 12 बैठक, नतीजा रहा जीरो, जानिए कब क्या हुआ
Farm Laws Repeal: किसान तीनों कृषि कानूनों को वपास लेने के लिए ही एक साल से आंदोलन कर रहे थे. अब तक सरकार ने किसानों को मनाने के लिए उनके साथ 12 बार मीटिंग की. आइए देखते हैं कब क्या हुआ.
![Xplained: Farm Laws पर किसान और केंद्र सरकार के बीच हुई 12 बैठक, नतीजा रहा जीरो, जानिए कब क्या हुआ Farm Laws to be Repeal 12th round meeting was held between the farmer organization and the central government in last one year, but the result never came out Xplained: Farm Laws पर किसान और केंद्र सरकार के बीच हुई 12 बैठक, नतीजा रहा जीरो, जानिए कब क्या हुआ](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/10/6c20bea9261edfb61666fc0f9ff06a94_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Farm Laws Repeal: पीएम नरेंद्र मोदी ने इन तीनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है. किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए ही एक साल से आंदोलन कर रहे थे. इससे पहले किसानों के आंदोलन शुरू करने से लेकर अब तक सरकार ने किसानों को मनाने के लिए उनके साथ 12 बार मीटिंग की. लेकिन सरकार और किसानों के बीच कभी भी सहमति नहीं बन सकी. आइए जानते हैं किस दौर की बैठक कब हुई और उसमें क्या निकला.
पहली बैठक
केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों के बीच पहली बैठक 14 अक्टूबर 2020 को हुई. इस बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल केंद्र सरकार की तरफ से शामिल हुए. इस पर किसानों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. किसानों का कहना था कि वे कृषि मंत्री के साथ बात करेंगे.
दूसरी बैठक
13 नवंबर 2020 को दोनों पक्षों के बीच दूसरी बैठक हुई. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे. केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए एक समिति बनाने की बात कही. किसानों ने इसे खारिज कर दिया. 7 घंटे चली यह बैठक बेनतीजा रही.
तीसरी बैठक
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच हुई तीसरे दौर की बैठक 1 दिसंबर 2020 को 3 घंटे तक चली. इसमें सरकार ने किसानों को विशेषज्ञों की एक समिति बनाने की बात कही. किसानों ने इसे नहीं माना.
चौथी बैठक
3 दिसंबर 2020 को चौथी बैठक किसानों और सरकार के बीच हुई. इसमें सरकार ने एमएसपी जारी रखने और कोई छेड़छाड़ न करने का आश्वासन दिया, लेकिन किसानों ने तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की. इसके बाद बैठक बेनतीजा रही.
पांचवीं बैठक
5 दिसंबर 2020 को दोनों पक्षों के बीच पांचवीं बैठक हुई. किसानों ने फिर कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही, सरकार की तरफ से कोई जवाब न मिलने पर बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला.
छठी बैठक
8 दिसंबर 2020 को किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठी बैठक हुई. इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाम भी शामिल हुए. सरकार ने किसानों को 22 पेज का प्रस्ताव दिया, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया.
7वीं बैठक
किसान और सरकार के बीच सातवीं बैठक 30 दिसंबर 2020 को हुई. केंद्र सरकार ने इस बैठक में विद्युत संशोधन अधिनियम 2020 को निरस्त करने और पराली के नाम पर किसानों पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के प्रावधान को वापस लेने की बात कही लेकिन किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद्द पर अड़े रहे.
8वीं बैठक
आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक 4 जनवरी 2021 को हुई. किसानों ने एक बार फिर तीनों कानूनों को वापस लेने की बात कही, पर सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई.
9वीं बैठक
बैठक का दौर 8 जनवरी 2021 को भी हुआ. इस बार किसान ज्यादा आक्रमक नजर आए और कानून वापसी के अलावा किसी भी बात पर तैयार नहीं हुए. किसानों ने साफ कहा कि या तो जीतेंगे या मरेंगे.
10वीं बैठक
केंद्र सरकार और किसान संगठन एक बार फिर कोई समाधान निकालने के लिए 15 जनवरी 2021 को एकसाथ आए, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे और कोई रास्ता नहीं निकला.
11वीं बैठक
20 जनवरी 2021 को केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बैठक हुई. इसमें केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को डेढ़ से 2 साल के लिए निलंबित करने और कानून पर फिर से विचार करने की बात कही. इसके बाद अगली बैठक बुलाई गई.
12वीं बैठक
किसान और केंद्र सरकार 22 जनवरी 2021 को 12वीं बार बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में किसानों ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया जो पिछली बैठक में दिया गया था.
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