भारत की लगभग आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में खेती-किसानी को आसान बनाने के लिये कृषि उपकरणों की जरूरत होती है. जिसमें ट्रैक्टर को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. हमारे देश में लाखों की संख्या में ऐसे किसान हैं, जो ट्रैक्टर नहीं खरीद पाते और खेती के लिए किराये पर ट्रैक्टर लेते हैं या पशुओं का सहारा लेते हैं. इस प्रक्रिया में न सिर्फ उनकी खेती प्रभावित होती है बल्कि उनकी आमदनी पर भी असर पड़ता है.


हालांकि इस साल यानी 2022 के अक्टूबर के त्योहारी महीने में ट्रैक्टर की बिक्री रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई जो कि ग्रामीण भारत के लिए उम्मीद की किरण है. ट्रैक्टर की रिकॉर्ड तोड़ खरीद का असर खेती पर नजर आया और यही कारण है कि पिछले साल (9 दिसंबर तक) की तुलना में, सर्दियों की फसल जैसे गेहूं की बुवाई में 25 प्रतिशत और सरसों की बुवाई में 9 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है. 


देश में साल 2022 का अक्टूबर महीना ट्रैक्टर इंडस्ट्री के लिए काफी सकारात्मक रहा. इस इंडस्ट्री ने घरेलू बाजार में 6.96 प्रतिशत ज्यादा ट्रैक्टर बेचे हैं. 




पिछले साल की तुलना में 31 प्रतिशत ज्यादा बिके ट्रैक्टर


ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) के डाटा से पता चलता है कि महामारी से पहले के साल 2019-20 की तुलना में, वार्षिक घरेलू बिक्री 2020-21 में 27 प्रतिशत, 2021-22 में 19 प्रतिशत और 2022 के नवंबर तक 31 प्रतिशत अधिक थी. 


एंट्री लेवल मोटरसाइकिल और फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) की बिक्री की तुलना में ट्रैक्टर की बिक्री  रही है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार, दोपहिया बाजार में 2021-22 में एक दशक में सबसे कम बिक्री देखी गई. इस साल बेची गई मोटरसाइकिलों की संख्या 2018-19 की तुलना में 35 प्रतिशत कम थी. 




इन 14 कंपनियों ने की सबसे ज्यादा काम 


रिपोर्ट के अनुसार ट्रैक्टर इंडस्ट्री की 14 प्रमुख कंपनियों ने इस साल अक्टूबर महीने में कुल 1 लाख 23 हजार 587 ट्रैक्टर बेचे हैं. जबकि पिछले साल यानी 2021 के अक्टूबर महीने में 1 लाख 15 हजार 542 ट्रैक्टर बेचे गए थे. अन्य ट्रैक्टर कंपनियों की तुलना में सबसे ज्यादा ट्रैक्टर बेचने का रिकॉर्ड महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने नाम कर लिया है.


महिंद्रा कंपनी ने उसी महीने 50 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर बेचे हैं जबकि सबसे कम ट्रैक्टर बेचने वाली कंपनी का नाम सामे ड्यूज है. महिंद्रा, टैफे, सोनालिका, एस्कॉर्ट और जॉन डियरइस वो कंपनी है जिसने एक महीने में 10 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर बेच हैं.  


पिछले साल की तुलना में की ज्यादा कमाई


महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी ने पिछले साल की तुलना में इस साल 11. 27 प्रतिशत ज्यादा की कमाई की है. इस कंपनी ने साल 2022 के अक्टूबर महीने में घरेलू बाजार में 50 हजार 539 यूनिट की बिक्री की है जबकि अक्टूबर 2021 में 45 हजार 420 ट्रैक्टर बेचे थे. 


अक्टूबर 2022 में सोनालिका कंपनी ने ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री 16268 यूनिट दर्ज की, जबकि इसी कंपनी ने साल 2021 में 14000 ट्रैक्टर बेचे थे. इस प्रकार सोनालिका ने घरेलू ट्रैक्टर बिक्री में 16.20 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है.




ज्यादा ट्रैक्टर खरीदने के पीछे क्या है वजह 


किसानों की खेती को आसान बनाने के लिये केंद्र सरकार शुरुआत से ही मशीनीकरण को बढ़ावा दे रही है. मशीन के इस्तेमाल से किसानों की मेहनत और संसाधनों की काफी बचत होती है. अब खेतों की जुताई से लेकर कटाई और उसके बाद भी फल प्रबंधन के लिये भी कृषि उपकरणों को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद भी फसलों को मंडी पहुंचाने के लिये ये ट्रैक्टर ढुलाई वाहन भी बन जाते हैं.


ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को राहत प्रदान करते हुए ट्रैक्टर सब्सिडी स्कीम चलाई जा रही है, जिसके तहत ट्रैक्टर की खरीद पर किसानों को 20 से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. इस योजना का लाभ लेकर आर्थिक तौर पर कमजोर और छोटे-किसान को काफी फायदा हो सकता है. 


ट्रैक्टर पर सब्सिडी


दरअसल प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के साथ-साथ छोटे और सीमांत किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर 20 से 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है. इस योजना के तहत सब्सिडी की राशि का भुगतान ट्रैक्टर की लागत मूल्य पर किया जाता है, जबकि इससे जुड़ी जीएसटी और अन्य खर्चे खुद किसानों को करने होते हैं. इस योजना के तहत अलग-अलग राज्य सरकार किसानों से आवेदन आमंत्रित करती हैं. किसान चाहें तो सीधा केंद्र या राज्य सरकार की मदद से ट्रैक्टर पर सब्सिडी योजना का लाभ लेकर आधे दाम में ट्रैक्टर खरीद सकते हैं. 




योजना की पात्रता


पीएम किसान ट्रैक्टर योजना के तहत ट्रैक्टर पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिये सरकार ने किसानों के लिये पात्रता निर्धारित की है, जिसके तहत सिर्फ खेतिहर किसानों को ही ट्रैक्टर की खरीद पर अनुदान दिया जायेगा.