दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर दो बजे बैठक करेंगे किसान नेता, तय होगी आगे की रणनीति
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांग मान नहीं लेती, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर बैठक करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे.
नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन लगातार जारी है. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसानों का तेवर और तीखा होता जा रहा है. सोमवार को सरकार ने फिर से बैठक बुलाकर किसानों से बातचीत करनी चाही लेकिन नतीजा नहीं निकला. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांग मान नहीं लेती, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. वहीं आज फिर से किसान संगठन बैठक करेंगे.
किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को दोनों के बीच सातवें राउंड की बैठक हुई. इस दौरान किसान अपनी मांग पर अड़े रहे. हालांकि, सरकार ने भी अपना रुख कायम रखा. दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे तक बातचीत चली लेकिन अंत तक कुछ निष्कर्ष नहीं निकल सका.
किसान नेताओं ने दी अपनी प्रतिक्रिया
सरकार के साथ लगातार हो रही बैठकों के बीच किसानों नेताओं ने कहा, 'सरकार नहीं चाहती है कि नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए, लेकिन हम भी पीछे नहीं हटेंगे. देशभर के किसान एकजुट हैं और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे सिंघु बॉर्डर पर मंगलवार दोपहर 2 बजे बैठक करेंगे और आगे की रणनीति बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की भावनाएं समझ पाने में असफल रही है.
सरकार भी अपने रुख पर कायम
बता दें कि सितंबर महीने में केन्द्र सरकार की तरफ से विपक्ष के भारी विरोध के बीच संसद में पास कराए गए इन तीनों कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी और दिल्ली-हरियाणा सीमा पर हजारों की तादाद में किसान आंदोलन कर रहे हैं. इन किसानों की मांग है कि सरकार तीनों ने कृषि सुधार संबंधी कानूनों को वापस ले और एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाए. उधर, सरकार का तर्क है कि इन तीनों कृषि कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में नए निवेश के नए अवसर खुलेंगे और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. वहीं अब किसान और सरकार के बीच अगली बैठक आठ जनवरी को दोपहर 2 बजे होगी.
सातवें दौर की बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम चाहते थे कि क्लॉज बाई क्लॉज चर्चा हो लेकिन किसान इसके लिए सहमत नहीं हुए. वो तीनों कानून वापस लेने पर अड़ गए. तोमर ने कहा कि 8 जनवरी को फिर बैठक होगी. कानून वापस लेने पर अड़े रहने पर सहमति नहीं बनी. उन्होंने कहा कि सरकार पर भरोसा है इसलिए ही तो किसान दोबारा बातचीत के लिए तैयार हैं. हम जल्दी से समाधान निकलना चाहते हैं. तोमर ने ये भी कहा कि हमने बैठक में ऐसा नहीं कहा कि कानून वापस लेंगे
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