गुरुवार को भारतीय सेना ने महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए बनाए गए पहले बोर्ड का परिणाम जारी कर दिया. रिजल्ट के मुताबिक सेना में स्थायी कमीशन देने के लिए 615 महिला अफसरों पर विचार किया गया था जिनमें से 422 फिट पाई गईं.


सेना ने नंबर 5 सेलेक्शन बोर्ड का किया था गठन


सेना ने नंबर 5 सेलेक्शन बोर्ड का गठन किया था. इसकी कार्रवाई 14 से 25 सितंबर तक आयोजित की गई थी, ताकि शॉर्ट कमीशन वाली महिला अधिकारियो को स्थायी कमीशन दिया जा सके. ऐसा फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद किया गया है, जिसमें आर्मी को यह निर्देश दिया गया था कि वह सभी योग्य शार्ट सर्विस कमिशन वाली महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन में शामिल करे. पांच सदस्यीय बोर्ड में आर्मी मेडिकल कोर की एक  महिला ब्रिगेडियर भी शामिल थीं.


57 महिला अफसरों ने स्थायी कमीशन न लेने का विकल्प चुना


चयन बोर्ड के रिजल्ट के मुताबिक, 57 महिला अधिकारी जिन्हें स्थायी कमीशन के लिए फिट पाया गया था, उन्होंने इसे नहीं लेने का विकल्प चुना है. वहीं अठसठ महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है उन्हें पेंशन के साथ सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा.


वहीं स्थायी कमीशन के लिए अनुशंसित नहीं किए गए कुल 106 अधिकारियों को पेंशन हासिल करने के लिए 20 साल की सेवा करने और फिर सर्विस से मुक्त करने की अनुमति दी जाएगी. कुल 42 अधिकारियों ने एक अस्थायी निम्न मेडिकल कैटेगरी के चलते अपनी उम्मीदवारी स्थगित कर दी है. हालांकि उन्हें कुछ समय भी दिया गया है. वहीं अपेक्षित मेडिकल डॉक्यूमेंट्स न मिलने की वजह से 6 अधिकारियो के रिजल्ट रोक दिये गए हैं, जबकि प्रशासनिक आधार पर 40 अधिकारियो के परिणाम रोके गए हैं.


कई महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं दिया गया


ऐसी कई महिला अधिकारी भी हैं जिन्हें स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है और उन्हें शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत अपनी नियुक्ति की शर्तों को पूरा करने के बाद निकट भविष्य में सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा. जिन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के लिए चुना गया है, वे इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलिजेंस कोर, आर्मी एयर डिफेंस, आर्मी एविएशन कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स, आर्मी सर्विस कॉर्प्स और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शाखाओं से संबंधित हैं.


स्थायी कमीशन क्या है?


आर्मी में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन में सेवा दे चुके पुरुषों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प मिलता था, लेकिन सेना में सर्विस दे रही महिलाएं इस विकल्प से वंचित थी. वहीं वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन पहले से ही मिल रहा है. गौरतलब है कि आर्मी में शॉर्ट सर्विस कमीशन में महिलाएं 14 साल की सर्विस के बाज सेवानिवृत्त कर दी जाती हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब वे स्थायी कमीशन के लिए आवेदन कर सकती हैं. जो महिला अफसर सेलेक्ट होती हैं वे आगे सर्विस जारी रख सकती हैं. वे सर्विस पूरी होने पर रैंक के हिसाब से ही रिटायर होंगी.


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