यूपी: कासगंज में पांच फर्जी शिक्षिकाएं मिलीं, सभी पर दर्ज करवाई गई FIR
उत्तर प्रदेश के कासगंज में एसआईटी की जांच में अबतक 8 फर्जी शिक्षिकाएं सामने आ चुकी हैं. मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पांच फर्जी शिक्षिकाओं का खुलासा किया. सभी पर FIR दर्ज करा दी गई है
कासगंज. अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका भर्ती प्रकरण के बाद से ही उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में फर्जी शिक्षकों के पाए जाने का सिलसिला जारी है. अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों पर शिक्षिका की नौकरी करने के मामले में भी प्रदेश में पहली गिरफ्तारी कासगंज से ही सुप्रिया जाटव की हुई थी. उसके बाद लक्ष्मी, उसके बाद चित्रा शर्मा और मंगलवार को 5 अन्य फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है. केवल कासगंज में ही 8 फर्जी शिक्षकों का खुलासा हो चुका है. और खुलासे का ये सिलसिला अभी भी जारी है. कासगंज की बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल ने सभी फर्जी शिक्षकों पर एफआईआर करवाई है. इनमें से एक शिक्षिका की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, शेष की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गई हैं.
उत्तर प्रदेश का कासगंज जिला फर्जी शिक्षकों का गढ़ बनता जा रहा है. अनामिका शुक्ला प्रकरण की शुरुआत से लेकर अब तक यहां आठ फर्जी शिक्षक शिक्षिकाएं मिल चुकी हैं, और फर्जी शिक्षकों के मिलने का सिलसिला अभी थमा नहीं है. अनामिका प्रकरण के तहत पायी गयी फर्जी शिक्षिका सुप्रिया जाटव उसके बाद लक्ष्मी फिर चित्रा शर्मा के बाद अब कासगंज के सरकारी प्राइमरी विद्यालयों में पांच और फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है.
पांच फर्जी शिक्षकों के नाम सामने आये
एसआईटी जांच में कासगंज के पांच और फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है, इनमें सोनू शर्मा, प्रियंका अग्रवाल, पवन कुमार पांडेय, नीरज कुमार, हरेश कुमार डांगुर नाम के पांच फर्जी शिक्षक पाए गए. इन सभी फर्जी शिक्षकों पर सन 2004/5 की आगरा विश्वविद्यालय की बीएड की फर्जी डिग्री लगाने का आरोप है. एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में इन पांचों फर्जी शिक्षकों की सूची कासगंज की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपी थी, जिसके आधार पर ये कार्रवाई अमल में लायी गयी है.
सभी की सेवाएं समाप्त
कासगंज की बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने सभी 5 फर्जी शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. इनमे से तीन फर्जी शिक्षक प्रियंका अग्रवाल, नीरज कुमार और हरेश कुमार डांगुर के खिलाफ संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों ने सोरों, अमापुर और गंजडूंडवारा थाने में एफआईआर भी दर्ज करा दी गयी है. शेष दो अन्य सोनू शर्मा और पवन कुमार पांडेय पर एफआईआर कराई जा रही है.
आपको बता दें कि अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश में पहली गिरफ्तारी कासगंज से ही सुप्रिया जाटव नाम की फर्जी शिक्षिका की हुई थी जो अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेजों पर नौकरी कर रही थी. इसके बाद थाना अमापुर क्षेत्र के राणा मऊ में फर्जी शिक्षिका लक्ष्मी पकड़ी गई थी और कल ही सोरों थाना क्षेत्र के हुंमायुपुर में फर्जी शिक्षिका चित्रा शर्मा का खुलासा हुआ था. ये सभी तीनों शिक्षिकाएं कासगंज जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में फर्जी रूप से नौकरी कर रही थीं.
मंगलवार को जिन 5 फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है, वे कासगंज के विभिन्न प्राइमरी विद्यालयों में प्राइमरी विद्यालय सहावर, सुन्न गढ़ी, सिढ़पुरा, अमापुर और सोरो में फर्जी रूप से नौकरी कर रहे थीं. उत्तर प्रदेश की एसआईटी की जांच में इनकी आगरा विश्वविद्यालय की 2004/2005 की बीएड की डिग्री फर्जी पायी गयी है. कासगंज की बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजली अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी ने उनको 5 फर्जी शिक्षकों की सूची सौंपी थी. इन फर्जी शिक्षकों की बीएड 2004/2005 की डिग्री आगरा विश्व विद्यालय ने भी फर्जी घोषित की है.
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