Olaf Scholz India Visit: 'युद्ध से समस्याओं का हल नहीं होता', जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात में बोले पीएम मोदी
India-Germany Relations: भारत और जर्मनी के रणनीतिक संबंध महत्वपूर्ण हैं. दोनों देशों के बीच सहयोग से वैश्विक स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलेगा.
German Chancellor Olaf Scholz India Visit: भारत और जर्मनी के रणनीतिक संबंध ऐसे समय में मजबूत आधार बने हैं, जब विश्व तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रहा है. भारत-जर्मनी साझेदारी लेन-देन पर आधारित नहीं है, बल्कि ये दो मजबूत लोकतंत्रों के बीच परिवर्तनकारी साझेदारी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से शुक्रवार (25 अक्तूबर) को मुलाकात की और उनसे भारत-जर्मनी की दोस्ती को गति देने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
पीएम मोदी ने मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए कहा, "मैंने अपने मित्र, चांसलर स्कोल्ज का नई दिल्ली में अपने निवास पर स्वागत किया. उनसे मिलकर और विविध मुद्दों पर चर्चा करके खुश हूं, जो भारत-जर्मनी दोस्ती को गति देगा." उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रों का विकासात्मक सहयोग का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है और हम आने वाले समय में इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं." पीएम मोदी ने कहा, युद्ध से समस्याओं का हल नहीं होता.
गुरुवार को शोल्ज भारत आए
शोल्ज भारत में अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर गुरुवार (24 अक्तूबर) को यहां पहुंचे. इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उनका स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने ‘एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस’ में कहा ये भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने का ये सही समय है. हम सड़कों और बंदरगाहों में रिकॉर्ड निवेश कर रहे हैं. पीएम ने कॉन्फ्रेंस में आगे कहा "आज भारत लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और डेटा के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है. भारत वैश्विक व्यापार और विनिर्माण का केंद्र बन रहा है."
स्कोल्ज ने क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा, "21वीं सदी की दुनिया कुछ ऐसी है, जहां हमें उन्नति के लिए काम करना है. अगर रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सफल होता है तो इसका परिणाम यूरोपीय सीमाओं से परे होगा. इससे वैश्विक सुरक्षा खतरे में पड़ सकता है. इस पर स्कोल्ज ने जवाब में कहा, आज हमारे विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह भारतीयों का है. यह प्रतिभा हमारे श्रम बाजार में स्वागत योग्य है. उन्होंने बताया कि जर्मनी अपनी वीजा प्रक्रिया का डिजिटलीकरण कर रहा है और इस पर काम शुरू हो गया है.
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