लीप डे के मौके पर गूगल ने बनाया खास डूडल, जानिए क्या है इसके पीछे वजह
चार साल पर फरवरी का महीना खास होता है. हर खास मौके पर गूगल डूडल बनाकर सिलेब्रेट करता है. इस बार भी लीप डे के मौके पर उसने सिलेब्रेट करने की परंपरा निभाई. 29 का उसने आकर्षक डूडल बनाकर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने पर मजबूर कर दिया.
नई दिल्ली: हर बार की तरह इस बार भी खास दिन पर गूगल डूडल बनाकर सिलेब्रेट कर रहा है. आज लीप डे के मौके पर उसने आकर्षक डूडल बनाया है. गूगल के डूडल में लीप डे को दिखाया गया है. इसके बीच में 29 कूदता हुआ नजर आ रहा है. ये आकर्षक डूडल लोगों को खूब भा रहा है. वैसे भी गूगल की खास दिन पर खास डूडल बनाने की परंपरा रही है.
क्या होता है लीप डे और लीप ईयर ?
लीप डे हर चार साल में एक बार आता है. लीप डे के कारण ही फरवरी का महीना साल का सबसे छोटा महीना होता है. जिस साल लीप डे पड़ता है उसे लीप ईयर बोला जाता है. उस विशेष दिन के कारण साल में दिनों की संख्या 366 हो जाती है. आमतौर पर माना जाता है कि धरती सूर्य का पूरा चक्कर 365 दिन में लगाती है. लेकिन अगर इसका पूरा हिसाब लगायें तो धरती का खगोलीय वर्ष 365.25 दिन का होता है. इसका मतलब ये हुआ कि धरती 365 दिन और 6 घंटे में सूरज का एक चक्कर पूरा कर पाती है. अगली बार लीप ईयर 2024 में पड़ेगा. जबकि पिछला लीप ईयर साल 2016 में था.
Happy #LeapDay Here’s a reminder to jump up with joy this day. ????????#GoogleDoodle
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क्या है लीप ईयर मनाने की वजह ?
हर 4 साल पर लीप ईयर मनाने के पीछे कुछ खास वजह है. अगर 4 सालों में एक बार लीप ईयर नहीं मनाया गया तो हर साल सौर मंडल के समय चक्र से दुनिया 6 घंटे आगे निकल जाएगी. जिसके चलते मौसम वैज्ञानिक मौसम और सौर मंडल में होने वाले परिवर्तनों का सही अंदाजा नहीं लगा पाएंगे. इसके अलावा लीप डे से कुछ मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं. कहा जाता है कि लीप ईयर की शुरुआत दो हजार साल पहले रोमन शासक जूलियस सीजर की थी. इसके नाम पर ही जूलियन कैलेंडर की शुरुआत हुई. एक मान्यता ये भी है कि लीप डे के दिन पैदा हुए लोगों को 'लीपलिंग्स' कहते हैं. उन्हें अपना जन्म दिन मनाने का चार साल में सिर्फ एक बार मौका मिलता है.
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