गुजरात: बीजेपी विधायक ने राज्य सरकार से की महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून बनाने की मांग
गुजरात में सत्तारुढ़ बीजेपी के एक विधायक ने 'जबरन धर्मांतरण' पर रोक लगाने के लिए कानून की मांग की. उत्तर प्रदेश सरकार ने धोखाधड़ी से धर्मांतरण के खिलाफ एक अध्यादेश को पहले ही मंजूरी दे दी है.
अहमदाबादः गुजरात में सत्तारुढ़ बीजेपी के एक विधायक ने मंगलवार को शादी के बहाने महिलाओं को धर्मांतरण के लिए मजबूर करने की घटनाओं का दावा करते हुए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उनके 'जबरन धर्मांतरण' पर रोक लगाने के लिए कानून की मांग की. वडोदरा जिले की दभोई विधानसभा क्षेत्र के विधायक शैलेश मेहता ने कहा, ‘‘शादी के बहाने महिलाओं के जबरन धर्मांतरण की घटनाएं देश भर में हो रही हैं. यही कारण है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ऐसे कृत्यों के खिलाफ कानून लाई है. मेरा मानना है कि बीजेपी शासित सभी राज्यों में इसी तरह का कानून लाया जाए.”
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने धोखाधड़ी से धर्मांतरण के खिलाफ एक अध्यादेश को मंजूरी दी है. इस अध्यादेश में ऐसे कृत्य के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए दस साल तक की कैद और 50 हजार रूपय तक के जुर्माने की व्यवस्था की गयी है. बीते शनिवार को यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद योगी सरकार ने धोखाधड़ी और धर्मांतरण के लिए कानून लागू कर दिया.
आवेदक को पहले देना होगा आवेदन
इस नए कानून के अनुसार, धर्म बदलने के अधिकतम 60 दिन पहले जिलाधिकारी या संबंधित अपर जिला मैजिस्ट्रेट को आवेदन देना होगा. इसके अलावा आवेदन पत्र में ये घोषणा करनी होगी कि संबंधित व्यक्ति अपनी स्वतंत्र सहमति और बिना किसी दबाव के अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है. आवेदक की ओर से घोषणा करने के बाद 21 दिनों के अंदर जिला मैजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपनी पहचान स्थापित करनी होगी. इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
यूपी सरकार ने विचार-विमर्श कर लिया निर्णय
अगर कोई भी व्यक्ति इस कानून को तोड़ता है तो उसे एक से 10 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा, राज्य में अब जबरदस्ती या दबाव डालकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना गैरजमानती अपराध होगा. राज्य सरकार ने पीड़ितों के हित को देखते हुए ये निर्णय लिया है.
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