Gyanvapi Masjid Survey: काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. आज का दिन इस मामले को लेकर को लेकर बेहद खास रहा. आज ज्ञानवापी मस्जिद मसले पर तीन बड़े फैसले लिए गए. इस मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि वहां पर कोई शिवलिंग है तो डीएम यह सुनिश्चित करें कि मुसलमानों के उस जगह प्रार्थना करने के अधिकार को प्रभावित किए बिना शिवलिंग की रक्षा की जाए. लोगों को नमाज से ना रोका जाए. इसके अलावा वाराणसी हाई कोर्ट सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 2 दिन का समय दिया है. इस दौरान कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया गया. उनकी जगह कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह के निर्देशन में सर्वे पूरा होगा. जिसमें अजय प्रताप सिंह उनकी मदद करेंगे. विशाल सिंह सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेंगे.
असदुद्दीन ओवैसी ने वाराणसी हाईकोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट के फैसले पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इस मामले को लेकर मीडिया से कहा, इस मामले में कोर्ट ने सर्वे कमिश्नर को नियुक्त किया लेकिन वो रिपोर्ट नहीं पेश करता है. ओवैसी ने कहा कि कोर्ट ने मुसलमानों का पक्ष अच्छी तरह से सुना बिना है फैसला सुना दिया. ओवैसी ने कहा कि ये पूरा का पूरा सर्वे गलत था. सर्वे के लिए कमिश्नर नियुक्त करना 1991 एक्ट का उल्लंघन करता है. ओवैसी ने इस मामले में 19 मई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई पर भरोसा जताता हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उन्हें इस मामले में इंसाफ जरूर मिलेगा.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले की सुनवाई 19 मई तक के लिए स्थगित कर दी है. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई शिवलिंग है तो हम कहते हैं कि डीएम यह सुनिश्चित करें कि मुसलमानों के प्रार्थना करने के अधिकार को प्रभावित किए बिना शिवलिंग की रक्षा की जाए.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज शाम 7 बजे एग्जीक्यूटिव कमेटी की इमरजेंसी बैठक बुलाई है. बता दें कि ये मीटिंग जूम ऐप के जरिए होगी. बैठक में ज्ञानवापी मस्जिद और दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मुसलमानों के खिलाफ नफरत का अभियान चला रही है.
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