Rani Kamlapati Railway Station: मध्य प्रदेश सरकार ने हबीब गंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन करने का फैसला लिया है. रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह की विधवा गोंड शासक थीं. 15 नवम्बर को प्रधानमंत्री हबीबगंज रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करेंगे. हबीब गंज स्टेशन का रिडेवलपमेंट हुआ है. प्रक्रिया के तहत ये सूचना पहले गृह मंत्रालय को दी जाती है और गृह मंत्रालय रेलवे से सहमति लेता है ताकि जानकारी हो सके कि कहीं इस नाम का कोई स्टेशन पहले से न हो. उसके बाद गृह मंत्रालय रेलवे को निर्देशित करता है.
15 नवंबर को ही मोदी सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस मनाने का ऐलान किया है. यह एक हफ्ते चलेगा, जिसमें भारत के अनुसूचित जनजाति के गौरव को दिखाया जाएगा. गोंड भारत का सबसे बड़ी आदिवासी समुदाय है, जिसमें 1.2 करोड़ से ज्यादा आबादी है. भाषाई रूप से, गोंड द्रविड़ भाषा परिवार की दक्षिण मध्य शाखा के गोंडी-मांडा उपसमूह से संबंधित है.
क्यों खास है हबीबगंज स्टेशन
मोदी सरकार से साल 2019 में वापसी के बाद यह दूसरा ऐसा स्टेशन था, जिसे आलीशान तरीके से बनाया गया है. पहला गांधीनगर था. इस वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं हैं. इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत 450 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. आधुनिक स्टेशन में यात्रियों के आगमन और प्रस्थान के मुताबिक यात्रियों के आने-जाने की व्यवस्था होगी. प्लेटफॉर्म्स, लाउंज, कॉनकोर्स, रिटायरिंग रूम में बैठने की पर्याप्त व्यवस्था होगी.
वहीं भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है. ठाकुर ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'भोपाल में 15 नवंबर 2021 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनजातीय गौरव दिवस पर आना हमारे भोपाल के लिए शुभ संकेत हैं. मुझे विश्वास है कि मोदी जी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वापपेयी जी के नाम पर रखने की घोषणा करेंगे.' अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर यहां आयोजित विशाल आदिवासी सम्मेलन में भी शामिल होंगे.
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