लखनऊ: यूपी के हाथरस में हुई उस घटना की जिसको लेकर पिछले 26 दिन से देश उबल रहा है. कल इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस केस पर सबसे बड़ी सुनवाई होने वाली है. कोर्ट ने सरकार और पुलिस के उन तमाम बड़े अफसरों को तलब किया है जिनपर केस में लापरवाही बरतने का आरोप है. साथ ही पीड़ित परिवार को गवाही देने के लिए लखनऊ बुलाया गया है.


कल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हाथरस केस की सुनवाई होनी है. इसके लिए परिवार के पांच लोग और कुछ रिश्तेदार आज लखनऊ रवाना हो रहे हैं. यूपी पुलिस इन्हें अपनी सुरक्षा घेरे में लखनऊ ले जाएगी. डीआईजी लखनऊ शलभ माथुर पीड़िता के गांव जाकर तैयारियों का जायजा ले चुके हैं.


1 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी, डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अलावा हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार और एसपी रहे विक्रांत वीर को तलब किया है.


कोर्ट से इंसाफ की एकमात्र उम्मीद
हाथरस कांड को लेकर विरोधियों के निशाने पर रही योगी सरकार ने अदालत में अपने बचाव के लिए विनोद शाही को विशेष वकील नियुक्त किया है जो सरकार का पक्ष रखेंगे. इतना तो तय है कि हाथरस पुलिस और योगी सरकार को कल अदालत में चुभते सवालों का सामना करना होगा. मामले को जिस तरह जातीय रंग देने की कोशिश की जा रही है, जिस तरह आरोपियों के पक्ष में सवर्णों की पंचायतें हो रही हैं, उससे पीड़ित परिवार को अब सरकारों और राजनीतिक दलों की बजाय कोर्ट से इंसाफ की एकमात्र उम्मीद है.


उधर CBI ने भी हाथरस केस की जांच शुरू कर दी है. इस मामले की सिफारिश योगी सरकार ने ही केंद्र को भेजी थी. बता दें कि 19 साल की दलित युवती से 14 सितंबर को चार युवकों ने कथित रूप से गैंगरेप किया था. पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.


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