प्रयागराज. कोरोना की वैश्विक महामारी को लेकर 19 मार्च से बंद इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधानपीठ और लखनऊ में आज से खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई शुरु हो गई है। कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते अब तक खुली अदालतों में मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही थी। अब तक ऑन लाइन दाखिले पर अर्जेंसी के आधार पर वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ही मुकदमों की सुनवाई हो रही थी। लेकिन आज से शुरु हो रही नई व्यवस्था के तहत न्यायमूर्तियों और स्टाफ की न्यूनतम संख्या के साथ विशेष पीठें बैठेंगी। आज से मुकदमों की सुनवाई के लिए कोर्ट के आदेश से तीन जून से मैनुअल दाखिले भी शुरु कर दिए गए थे।
हाईकोर्ट के हर अनुभाग से सभी फाइलों को सैनीटाइज कर के ही कोर्ट में भेजा जाएगा। वकील बगैर कोट और गाउन के कोर्ट रुम में बहस कर सकेंगे। वकीलों के लिए परिसर में प्रवेश के अलग से गेट निर्धारित किए गए हैं। हाईकोर्ट में वकीलों का प्रवेश ई -पास के जरिए होगा। कोरोना के चलते 65 वर्ष से अधिक की आयु वाले वकील परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। हाईकोर्ट की ओर से उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस करने की सुविधा दी जाएगी। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हाईकोर्ट में बैठने वाले वकीलों के चेंबर और कैंटीन बंद रहेंगे। सभी वकीलों और स्टाफ को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही उन्हें फिजिकल एवं सोसल डिस्टेन्सिंग का भी पालन करना होगा। कोर्ट रुम में किसी भी दशा में 6 से अधिक वकील मौजूद नहीं रहेंगे। बहस करने के बाद वकील तुरंत कोर्ट रुम से बाहर चले जाएंगे।
हॉटस्पॉट एरिया से नहीं आ सकेंगे वकील
हॉट स्पॉट एरिया में रहने वाले वकीलों को न्यायालय में आने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें इसकी अनुमति भी नहीं दी गई है। कोर्ट परिसर में शराब पीकर आना पान गुटखा तंबाकू खाना प्रतिबंधित किया गया है। यह दंडनीय अपराध होगा और परिसर में थूकना भी अपराध होगा। प्रत्येक प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही वकीलों और स्टाफ को प्रवेश की अनुमति मिलेगी। इलाहाबाद और लखनऊ में सीएमओ और मेडिकल स्टाफ को मदद के लिए हमेशा तैयार रहने का आदेश दिया गया है। कोर्ट खुलने से पहले परिसर को सेनिटाइज कराया गया है। इसके साथ ही नियमित सैनिटाइजेशन के भी निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट परिसर के आसपास की दुकानें भी बंद रहेंगी। कोर्ट आने वाले अधिवक्ताओं को अपने वाहन पार्किंग दूर-दूर करनी होगी। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन सभी को करना अनिवार्य होगा। ई-दाखिला एवं शारीरिक रूप से उपस्थित होकर दोनों दाखिले चालू रहेंगे।
पोलो ग्राउंड के पास सेक्शन एवं वादकारियों के शेड में सिविल क्रिमिनल एवं सभी प्रकार की अर्जी दाखिल होंगी। एफिडेविट पी मोड में भी दाखिल की जा सकेगी। हलफनामा न दे पाने की स्थिति में अंडरटेकिंग देनी होगी। गेट नंबर तीन और गेट नंबर एक से वकीलों को परिसर में प्रवेश मिलेगा। कोर्ट में बहस की जा सकेगी और मांगने पर वकीलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा दी जाएगी। न्यायालय परिसर में स्टाफ को गेट नंबर तीन बी से प्रवेश दिया जाएगा। हाईकोर्ट में आज से कोरोना कमेटी के सुझाव पर चीफ जस्टिस गोविंद माथुर के आदेश से रजिस्ट्रार जनरल अजय कुमार श्रीवास्तव की ओर से तीस मई को जारी की गई गाइडलाइन के तहत ही न्यायिक कार्य किए जायेंगे।
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