यूपी, बिहार समेत 11 राज्यों में इथेनॉल मिक्स पेट्रोल की बिक्री, क्या दामों में आएगी कमी?
यूपी, बिहार समेत 11 राज्यों में ई-20 इथेनॉल मिक्स पेट्रोल की बिक्री प्रदूषण से राहत, उर्जा सुरक्षा और आयात कम करने के मकसद से की गई है. इसके सफल होने से सरकार को 30 हजार करोड़ का फायदा हो सकता है.
केंद्र सरकार ने यूपी, बिहार समेत 11 राज्यों के 15 शहरों में ई-20 इथेनॉल मिक्स पेट्रोल की बिक्री शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से हरी झंडी दिखाते हुए इसकी शुरुआत की. सरकार ने बताया है कि 2025 तक पूरे भारत में यह पेट्रोल आसानी से मिल सकेगा.
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पत्रकारों को बताया कि अभी 15 शहरों में इंडियन ऑयल के 84 पेट्रोल पंप पर यह फ्यूल मिलेगा. अभी इसकी कीमत पेट्रोल की कीमत इतनी ही रहेगी.
इथेनॉल से बने पेट्रोल का उपयोग बीएस-4 से बीएस-6 इंजन वाली गाड़ियों में किया जा सकता है. हालांकि, उपभोक्ता इसके उपयोग से पहले ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट या इंजन मैकेनिक से जरूर सलाह लें.
किन-किन राज्यों में मिलेगा ई-20 फ्यूल?
सरकार के मुताबिक शुरुआती फेज में उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, दमन एंड दीव और दादरा नागर हवेली में ई-20 फ्यूल की बिक्री शुरू की गई है. वर्तमान में ई-20 फ्यूल इन राज्यों के कुछ चुनिंदा पेट्रोल पंप पर ही मिलेगा.
प्रदूषण से राहत, उर्जा सुरक्षा और आयात कम करने के मकसद से शुरू की गई इथेनॉल ब्लेंडिग प्रोग्राम (EBP) के बारे में इस स्टोरी में विस्तार से जानते हैं...
पहले जानिए इथेनॉल क्या होता है?
इथेनॉल (C2H5OH) एक प्रकार का अल्कोहल होता है, जो शुगर और स्टॉर्च के फॉर्मेन्टिंग से बनाया जाता है. आपने गांव-घर में आम तौर पर गन्ने के रस या सड़े हुए सब्जी के खराब होने के बाद इथेनॉल को बनते देखा होगा.
भारत में साल 2020-21 में 29 लाख टन इथेनॉल का उत्पादन किया गया है. देश में सबसे ज्यादा इथेनॉल का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है, महाराष्ट्र इस मामले में दूसरे नंबर पर और कर्नाटक तीसरे नंबर पर है.
ई-20 क्या है, कैसे बनाया जाता है?
पेट्रोल में जब इथेनॉल को मिलाया जाता है तो उसे इथेनॉल पेट्रोल कहते हैं. इस प्रक्रिया को इथेनॉल ब्लेंडिग प्रोग्राम (EBP) कहा जाता है. ई-20 मतलब होता है कि वो फ्यूल जिसमें 80 फीसदी पेट्रोल और 20 फीसदी इथेनॉल मिलाया जाए.
भारत में पहले ई-10 फ्यूल का उपयोग किया जाता था, जिसमें 90 फीसदी पेट्रोल और 10 फीसदी इथेनॉल मिला होता था. सरकार ने 2018 में तय किया कि ई-10 के बदले अब ई-20 फ्यूल उपयोग किया जाएगा और इसे पूरे देश में बेचने की प्लानिंग शुरू की गई.
ई-20 फ्यूल बनाने की प्रक्रिया एकदम सरल है. इथेनॉल के जेनरेशन और पेट्रोल को अनुपातिक भाग में फॉर्मेन्टिंग किया जाता है.
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सरकार इथेनॉल का इस्तेमाल क्यों कर रही, 3 प्वॉइंट्स
तेल के दाम पर नियंत्रण रह सकेगा- अभी पेट्रोल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार से तय होती है, क्योंकि भारत 85 फीसदी क्रूड ऑयल आयात यानी खरीदता है. जब क्रूड ऑयल महंगा होता है, तो पेट्रोल की कीमतें आसमान छूने लगती है.
ई-20 फ्यूल की बिक्री शुरू होने से कीमत पर सरकार नियंत्रण रख सकेगी. इसके 2 बड़ी वजह है- 1. सरकार के पास फ्यूल का स्टॉक होगा और 2. आयात पर निर्भरता कम रहेगी.
'ई-20 फ्यूल मिशन 2020-25' के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के मुताबिक ई-20 फ्यूल की बिक्री अगर रफ्तार पकड़ती है, तो सरकार को पेट्रोल के आयात से 30 हजार करोड़ रुपए बचेंगे यानी सीधा सरकार को इसका फायदा होगा.
पेट्रोल की कीमतें कम हो सकती है- ई-20 फ्यूल के शुरुआती बिक्री में तो ग्राहकों को ज्यादा लाभ मिलने की उम्मीद कम है, लेकिन खपत बढ़ने के बाद इसकी कीमतें कम हो सकती है. एक अनुमान के मुताबिक पेट्रोल की कीमत फिर से 60-70 रुपए प्रति लीटर के आसपास बिक सकता है.
सरकार की ओर से पेट्रोल पर अभी करीब 52 फीसदी टैक्स लिया जा रहा है, जो कि इथेनॉल की तुलना में काफी अधिक है. अगर पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा अधिक इस्तेमाल किया जाता है तो टैक्स में भी कटौती की जाएगी. साथ ही सरकार को आयात से भी पैसा बचेगा, तो भविष्य में इसकी कीमत में जरूर कमी करेगी.
प्रदूषण से राहत मिलेगी- एक रिपोर्ट के मुताबिक इथेनॉल मिक्स पेट्रोल से चलने वाली गाड़ी 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती है. अगर ई-20 फ्यूल का उपयोग बढ़ता है तो इसका सीधा असर प्रदूषण पर पड़ेगा.
इथेनॉल में 35% ऑक्सीजन के चलते ई-20 फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है. भारत के कई बड़े शहर प्रदूषण की चपेट में है और उसे यूएन की संस्था ने रेड जोन घोषित कर रखा है.
इथेनॉल पर अभी कितना टैक्स है?
2021 में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में पेट्रोलियम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने बताया था कि सरकार ने इथेनॉल पर लगने वाला जीएसटी घटा दिया है. अब इथेनॉल पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगेगा और यह फैसला इथेनॉल मिक्स पेट्रोल प्रोग्राम को देखते हुए लिया गया है.
नवंबर 2022 में सरकार ने एक और आंकड़ा जारी किया और इथेनॉल के अलग-अलग वैरायटी की कीमतें तय कर दी. इसके मुताबिक सी हैवी मौलेसेस रूट से इथेनॉल की कीमत 49.41 रुपए/लीटर, बी हैवी मौलेसेस रूट से इथेनॉल की कीमत 60.73 रुपए प्रति लीटर और गन्ने के रस के सीरप रूट से इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपए प्रति लीटर है.
क्या सिर्फ इससे फायदा ही फायदा है?
इथेनॉल मिक्स पेट्रोल के उपयोग से सिर्फ फायदा ही नहीं होगा. पुरानी गाड़ियों में इसके उपयोग से माइलेज घटेगा. गाड़ी के पुराने ईंजन को भी इथेनॉल मिक्स पेट्रोल खराब कर सकता है, इसलिए कई कंपनियां अब नए सिरे से इंजन बना रही है.
इस फ्यूल के उपयोग से एक बड़ा खतरा पानी है. बरसात के मौसम में जब यह फ्यूल पानी के संपर्क में आता है, तो पेट्रोल से अलग होकर इथेनॉल खुद की पड़त बना लेता है, जिस वजह से गाड़ी स्टार्ट करने में काफी परेशानी होती है.
साथ ही इसका उपयोग अगर बहुतयात मात्रा में होती है, तो फूड सिक्योरिटी पर भी असर पड़ेगा. अमेरिका ने हाल ही में फूड सिक्योरिटी को देखते हुए इथेनॉल के उत्पादन में कमी की है.