यूपी: RSS विचारक बोले- राम मंदिर पर अदालत के फैसले के बाद फिर उभरा हिंदुत्व
गुरुमूर्ति ने आगे कहा कि हिंदुत्व संघर्ष पैदा नहीं करता है और कई विदेशी लेखकों ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है. उनका कहना है कि इसी कारण ही भारत में इस्लाम और ईसाई धर्म जड़ें जमा सका.
![यूपी: RSS विचारक बोले- राम मंदिर पर अदालत के फैसले के बाद फिर उभरा हिंदुत्व Hindutva reappeared after Supreme Court verdict on Ayodhya dispute says S Gurumurthy यूपी: RSS विचारक बोले- राम मंदिर पर अदालत के फैसले के बाद फिर उभरा हिंदुत्व](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/14140145/Gurumurthy.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली. राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में हिंदुत्व उभर रहा है. ये कहना है आरएसएस विचारक एस गुरुमूर्ति का. उन्होंने गुरुवार को कहा कि अयोध्या विवाद पर अदालती फैसले के बाद हाशिये पर चला गया हिंदुत्व फिर से उभर कर आया है. गुरुमूर्ति ने आगे कहा कि हिंदुत्व संघर्ष पैदा नहीं करता है और कई विदेशी लेखकों ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है. उनका कहना है कि इसी कारण ही भारत में इस्लाम और ईसाई धर्म जड़ें जमा सका.
बतादें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बोर्ड के सदस्य गुरुमूर्ति विवेकानंद इंटरनेशनल फाउन्डेशन द्वारा ‘अयोध्या आंदोलन और राष्ट्रीय राजनीति’ विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. वेबिनार को संबोधित करते हुए गुरुमूर्ति ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव की सरकार में आया था. तत्कालीन सरकार में नियुक्त नरेश चंद्रा समिति के सबूतों के मुताबिक, अयोध्या में विवादित स्थान पर मंदिर था.
"राजनीतिक फायदे के लिए नहीं सुलझाया मुद्दा" गुरुमूर्ति ने दावा किया कि कई राजनीतिक नेताओं और दलों ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस विवाद को नहीं सुलझाया. उन्होंने कहा कि इसका समाधान आसानी से निकाला जा सकता था.
"सुप्रीम कोर्ट का फैसला मील का पत्थर" गुरुमूर्ति ने विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मील का पत्थर बताया है. उन्होंने कहा, "अयोध्या पर फैसले के बाद परिवर्तन आया, हिंदुत्व जो हाशिये पर चला गया था, जिसे साम्प्रदायिक, पिछड़ा और समसामयिक भारत के लिये अनुपयुक्त कहा जाता था, वह देश में फिर से उभर कर आया है." इसके अलावा उन्होंने अपने संबोधन के दौरान वी पी सिंह सरकार के दौरान और उसके बाद की कई घटनाओं को भी याद किया, जब उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली तथा भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री के एन गोविंदाचार्य के साथ मिलकर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया था. पिछले साल नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर का निर्माण किये जाने का रास्ता साफ किया था. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में एक मस्जिद के लिये पांच एकड़ जमीन देने को भी कहा था.
ये भी पढ़ें:
संघ विचारक गुरुमूर्ति का सवाल- क्या सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़ा है केरल में आया कहर?
जानिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के बारे में
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)