भारत के गांवों में घर-घर कैसे और कब तक पहुंचेगा पीने का पानी?
'हर घर जल मिशन' ने देश के ग्रामीण इलाकों में पानी की पहुंच सुनिश्चित करके एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. इस मिशन के तहत देश के करीब 50% ग्रामीण घरों तक स्वच्छ पीने के पानी पहुंचाया जा चुका है.
भारत के कई इलाकों में आज भी लोगों को साफ़ और पीने लायक पानी लेने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इस परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. इस मिशन की घोषणा करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से साल 2024 तक सभी राज्यों के ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया था.
इस मिशन का मकसद गांव से लेकर शहरों तक देश के सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना है. ऐसे में जानते हैं कि इन सवा साल ये मिशन कहां तक पहुंच पाया और अब तक भारत के गांवों में कितने घरों तक पीने का पानी पहुंच चुका है.
कितना सफल रहा 'हर घर जल मिशन'
- 15 अगस्त 2019 को, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी तब हमारे देश के कुल 19.35 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ यानी कुल परिवारों (17 प्रतिशत) घरों में नल की सुविधा थी.
- केंद्र सरकार ने साल 2024 तक बचे 16.12 करोड़ परिवारों में नल के पानी की आपूर्ति का संकल्प लिया गया था.
- 21 दिसंबर 2022 तक जल जीवन मिशन के तहत 10.76 करोड़ यानी 55.62 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है.
- चार राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश (गोवा, तेलंगाना, गुजरात और हरियाणा, पुडुचेरी, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) के सभी गांवों के घर में नल से जल मुहैया कराई जा चुकी है.
- अगस्त, 2022 में गोवा पहला 'हर घर जल' प्रमाणित राज्य और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव भारत का पहला 'हर घर जल' प्रमाणित केंद्र शासित प्रदेश बना.
- जब देशवासी आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, जल जीवन मिशन (जेजेएम) ने 19 अगस्त 2022 को 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराकर एक नया मील का पत्थर हासिल किया है.
50 फीसदी घरों तक पहुंचा स्वच्छ जल
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार जल जीवन मिशन ने देश के करीब 50 फीसदी ग्रामीण घरों तक स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी है. रिपोर्ट के अनुसार मिशन के तहत 6 राज्यों- गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, पुडुचेरी और हरियाणा के 100 फीसदी ग्रामीण घरों को नल के जरिये साफ पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है.
इसके अलावा कुछ राज्यों राज्य ऐसे भी हैं जहां 90 फीसदी ग्रामीण आवासों तक नल के जरिये पानी पहुंचाने का काम किया है. इन राज्यों में पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार शामिल है.
आंकड़ों को देखें तो पंजाब में 99 प्रतिशत, गुजरात में 95.56 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 92.35 प्रतिशत और बिहार में करीब 92.72 प्रतिशत घरों तक पीने का साफ पानी पहुंचाने में सफलता मिल गई है.
किन राज्यों में पीछे चल रहा मिशन
जल जीवन मिशन को लेकर कुछ राज्यों की कोशिशें खास कमाल नहीं दिखा पाईं. जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार इस योजना का लाभ यूपी में 11.78 प्रतिशत, राजस्थान में 13.45 फीसदी, झारखंड में 14.17 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 16.66 फीसदी और केरल राज्य में सिर्फ 17.41 फीसदी ग्रामीण घर ही ले पाये हैं.
आंध्र प्रदेश में 58.29 %, कर्नाटक में 50.90 %, तमिलनाडू में 43.98 % और केरल के 40.95 % ग्रामीण आवासों तक ही नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचा पाया है. हालांकि इन चारों राज्यों में 100 फीसदी सफलता हासिल करके का काम चल रहा है.
जल जीवन मिशन की विशेषताएं
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक नल कनेक्शन मुहैया करवाया जाएगा.
- स्थानीय जल संस्थानों के प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा.
- प्रत्येक ग्रामीण घर में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन सुनिश्चित करेगा.
- ग्रामीण क्षेत्रों में आगनबाड़ी केंद्र ,स्कूल ,ग्राम पंचायत भवन ,स्वास्थ्य केंद्रों तक भी पानी के कनेक्शन उपलब्ध किये जायेंगे.
- आवश्यक क्षेत्रों में बल्क वाटर ट्रांसफर शोधन सयंत्र और वितरण नेटवर्क को स्थापित किया जाएगा.
- जल गुणवक्ता की समस्या है वाले इलाकों में प्रदूषण के निवारण हेतु प्रौद्योगिकीय मध्यपरिवर्तन की व्यवस्था उपलब्ध की जाएगी.
करोड़ों ग्रामीण घरों को पानी
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी की गई 27 मई तक के आंकड़ों के अनुसार देश के 108 जिलों, 1,222 मंडलों, 71,667 ग्राम पंचायतों और 1,51,171 गांवों में अब तक नल के जरिये साफ पानी मुहैयार करा दी गई है. साथ ही साल 2019 से लेकर 2022 तक देश के 1,51,171 गांवों के 9.59 करोड़ से ज्यादा घरों को हर घर जल मिशन से लाभ पहुंचाया जा चुका है.
राजस्थान में इस मिशन के तहत 1056 करोड़ जारी
राजस्थान को अकाल वाला प्रदेश के रूप में जाना जाता था. लेकिन अब इस प्रदेश की स्थिति बदली है. राजस्थान में अब लोगों को पेयजल आसानी से उपलब्ध हो रहा है. साथ ही राजस्थान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग जल जीवन मिशन के तय लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
हाल ही में जन स्वास्थ्य विभाग ने 1055 करोड़ 99 लाख रुपए की 104 संशोधित लघु पेयजल योजनाओं (ओटीएमपी) को स्वीकृति दी है. इन योजनाओं के माध्यम से हर घर जल के लिए प्रदेश में 1 लाख 18 हजार 588 नए कनेक्शन दिए जाएंगे.