भारत में पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार ने न सिर्फ देश की कनेक्टिविटी और स्पीड बढ़ाने पर जोर दिया है बल्कि सरकार पर्यावरण को कार्बन मुक्त करने के लिए इलेक्ट्रिक इंधन और वाहनों की तरफ भी तेजी से बढ़ी रही है. यही कारण है कि अब तक 18 राज्यों ने इलेक्ट्रिक वाहनों की नीति तैयार या अधिसूची कर दी गई है. इतना ही नहीं इलेक्ट्रोनिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इसपर लगने वाले 12 प्रतिशत की जीएसटी को 5 प्रतिशत कर दिया है और सब्सिडी 20 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत कर दिया गया है. 


फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (फाडा) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अक्टूबर में सालाना आधार पर इलेक्ट्रिक वाहनों की खुदरा बिक्री में लगभग 185 प्रतिशत बढ़कर 1,11,971 इकाई रही. इस आंकड़े में यात्री वाहनों की बिक्री भी शामिल है. फाडा ने बुधवार को बताया कि पिछले साल यानी 2021 के अक्टूबर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 39,329 इकाई रही थी. वहीं साल 2020-21 के मुकाबले साल 2021-22 में इलेक्ट्रिक वाहनों में तीन गुना बढ़त हुई है.


आंकड़ों की माने तो इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की बिक्री पिछले महीने में 178 प्रतिशत से उछलकर 3,745 इकाई रही जो एक साल पहले इसी महीने में 1,346 इकाई थी. वहीं इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री 125.64 प्रतिशत बढ़कर 274 इकाई रही. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बात करें तो साल 2022 के अक्टूबर महीने में इसकी बिक्री 269.06 प्रतिशत बढ़कर 73,169 इकाई रही. जो पिछले साल यानी 2021 के इसी महीने 18,040 इकाई थी.




तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा


संसद कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश में मौजूद कुल इलेक्ट्रिक वाहनों में तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है. केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि उनकी ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल 3 अगस्त 2022 तक भारत में कुल 13,92,265 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) देश की सड़कों पर चल रहे हैं.


मंत्री जी ने क्या कहा?


उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि वर्तमान में हमारे देश भारत में कुल 7,93,370 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन मौजूद है. वहीं दुपहिया वाहनों की कुल संख्या 5,44,643 है और 3 अगस्त 2022 तक चार पहिया वाहनों को संख्या 54,252 से अधिक है. साथ ही केंद्र ने यह भी जानकारी दी कि तीन गुना बढ़ोत्तरी के साथ वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की संख्या 1,34,460 हो गई जो की वर्ष 2020-21 से 3 गुना ज्यादा है. 


मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने संसद को सूचित किया कि सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु कई कदम उठाए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष 12 मई को, केंद्र ने देश में बैटरी की कीमतों को कम करने के लिए देश में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के निर्माण के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) की विजन योजना को स्वीकृत दी थी जिससे बैटरी की कीमतों में कमी के साथ से इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में भी कमी आएगी.




क्या है EV के लिए सरकार की नीति


मंत्री ने बताया कि ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों के लिए पीएलआई योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं, इस योजना को जिसे 15 सितंबर, 2021 को पांच साल की अवधि के लिए 25,938 करोड़ के बजट खर्च के साथ अनुमोदित किया गया था.


CNG कारों की बिक्री भी बढ़ी 


पिछले कुछ सालों हाल के सालों में भारत में CNG कारों की बिक्री भी बढ़ी है. एमिशन से जुड़े कई नियमों में कड़ाई आने के बाद वाहन निर्माता कंपनियां डीजल इंजन वाली छोटी कारों से दूरी बना रही हैं. एमिशन मानकों के मुताबिक डीजल इंजन वाली छोटी कारों के निर्माण से उनकी कीमत काफी ज्यादा बढ़ जाती है और ऐसे डीजल इंजन वाली हैचबैक और कॉम्पैक्ट SUV के बीच कीमत का अंतर बहुत कम रह जाता है.