दुनिया में जितने परमाणु बम हैं उससे धरती को कितनी बार बर्बाद किया जा सकता है?
कुछ दिनों में ही 60,000 लोग मरेंगे. इसका इलाज संभव नहीं होगा, जहां बम गिरेगा वहां कोई नहीं जा पाएगा, वहीं इसका असर अन्य दूसरे शहरों पर हो सकता है. देश की पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी..
"कभी लग रहा था कि दुनिया में परमाणु युद्ध नहीं होंगे. मुझे कहना पड़ रहा है ये गलत है. कभी भी प्रलय लाने वाला युद्ध शुरू हो सकता है." ये कहना है संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एटोनियो गुटेरेस का. परमाणु हथियारों को लेकर एटोनियो गुटेरेस की यह चिंता रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से ज्यादा समय से चल रहा युद्ध है. गुटेरेस को डर है कि जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए जाने के 77 साल बाद एक बार फिर धरती पर इंसानी प्रलय हो सकती है.
रूस-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में अबतक दोनों देशों की तरफ से हजारों लोग मारे जा चुके हैं, लाखों का विस्थापन हुआ, लोगों के आशियाने छिन गए, बच्चे अनाथ हो गए, और युद्ध का असर सैकड़ों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है, जिसकी वजह से कई देशों में कच्चा तेल और अनाज पर महंगा हो गया है. वहीं यह युद्ध कब रूकेगा ये किसी को नहीं पता.
अब इसको देखते हुए दुनिया में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना बढ़ गई है. ट्रेड और वर्चस्व की इस लड़ाई में कोई भी परमाणु संपन्न देश इंसानी पहलुओं को दरकिनार करके इन महाप्रलय लाने वाले बमों का इस्तेमाल कर सकता है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि अगर दुनिया में जितने परमाणु बम हैं अगर वो फटे तो, उससे धरती को कितनी बार बर्बाद किया जा सकता है? आइए जानते हैं कि दुनिया में जितने परमाणु बम हैं अगर वो फट गए तो यह कितनी बर्बादी लाएगा?
चीन और अमेरिका बने प्रतिद्वंदी
चीन और अमेरिका की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है. दोनों महाशक्तियां ट्रेड के साथ में अपने हथियारों के जखीरे को भी दिन-रात मजबूत कर रहे हैं. अभी हाल ही में देखा गया कि नैंसी पैलोसी के ताइवान जाने के बाद किस तरह अमेरिका और चीन एक दूसरे के सामने आ गए थे. अगर, इसी तरह से दोनों महाशक्तियों में किसी ने भी जरूरत से ज्यादा एक दूसरे को उकसाने की कोशिश की तो युद्ध संभव हो सकता है. अमेरिका और चीन टकराते हैं तो परमाणु युद्ध का खतरा कितना बढ़ जाएगा इसको समझना मुश्किल नहीं है.
अब परमाणु बम फटा तो क्या होगा?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार दुनिया भर में परमाणु हथियारों को संख्या 13,865 है. यह परमाणु हथियारों की संख्या धरती को पचासों बार बर्बाद कर सकती है. वहीं किसी भी परमाणु संपन्न देश ने आज अमेरिका या दुनिया के किसी भी शहर पर हमला किया तो हिरोशिमा और नागासाकी ती तबाही बौनी साबित होगी. इस समय दुनिया में 9 देशों को पास परमाणु हथियार हैं, जिनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भीरत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया शामिल हैं. इस आंकड़े में उन हथियारों को ही गिना गया जिन्हें तैनात किया गया है या डिस्मेंटल किया जाना है.
परमाणु बम फटा तो कितना विस्फोट होगा?
दुनिया में जबतक युद्ध टल रहा है यह धरती के लिए फायदेमंद है क्योंकि अगर परमाणु बम फटा तो तवाही ला देगा. इसलिए इनका सुरक्षित रहना ही उचित है. एक आकलन के अनुसार हिरोशिमा पर जो बम गिराया गया था उसे 6 अगस्त 1945 के दिन से हर 2 घंटे के अंतराल पर दिन में 12 बार गिराया जाए और ये सिलसिला आज तक जारी रहे तब भी उतना विस्फोटक पावर नहीं बनेगा जितना अभी दुनिया के सभी परमाणु हथियारों में लैस है.
हिरोशिमा-नागासाकी पर बम वर्षा
अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम से हमला किया था, जिसमें 70,000 लोग मारे गए थे. आज 77 साल बाद भी उस बम का इतना असर है कि रैडिएशन की मार आज की पीढ़ी भी झेल रही है. वहीं इसके तीन दिन बाद 9 अगस्त 1945 को नागासाकी शहर पर परमाणु हमला किया गया, जिसमें 40,000 लोग मारे गए थे.
विश्व युद्ध के बाद अमेरिका को जवाब देने के लिए रूस ने सन 1961 में हाइट्रोजन बम बना लिया, जिसकी लंबाई 26 फीट और व्यास 7 फीट था. इस RDS 200 हाइट्रोजन बम की ताकत 57 मेगाटन की थी, इसका मतलब ये था कि हिरोशिमा में जो बम गिराया गया था उससे RDS 200 बम की ताकत 4000 गुणा ज्यादा थी.
रूस के नोवाया जेमलिया में इस हाइट्रोजन बम का परीक्षण किया गया था. यह हाइट्रोजन बम इतना शक्तिशाली था कि परीक्षण के बाद भूपंक के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल 6.97 मापी गई थी. वहीं 8 करोड़ टन के बराबर ग्लेशियर अपनी जगह से हिल गया और दो मील लंबी झील बन गई. लेकिन यह सिससिला यही नहीं रूका. इसके बाद अमेरिका ने तीन स्टेज वाला बी-41 बम बना लिया. दुनिया में वर्तमान में इनसे भी भयानक परमाणु बम मौजूद हैं.
सेकेंडों में मारे जाएंगे हजारों लोग
साल 2014 में डच पीस रिसर्च फाउंडेशन ने एक रिसर्च किया, जिसमें बताया गया कि रॉटरडम पोर्ट पर परमाणु बम गिरता है तो क्या होगा? रिपोर्ट में बताया गया कि सेकेंडों में 8 हजार लोग मर जाएंगे, फिर रैडिएशन से अगले कुछ दिनों में ही 60,000 लोग मरेंगे. इसका इलाज संभव नहीं होगा, जहां बम गिरेगा वहां कोई नहीं जा पाएगा, वहीं इसका असर अन्य दूसरे शहरों पर हो सकता है. देश की पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी, बिजली और टेलीकॉम समाप्त हो जाएंगे. इतना जबरदस्त जलवायु परिवर्तन बोगा कि उससे भुखमरी की स्थिति हो जाएगी.
सबसे बड़ी बात ये कि ताकतवर परमाणु बम गिरने के कुछ की समय में ओजोन लेयर भी खत्म हो जाएगी. अब आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर दुनिया में मौजूद 13,865 परमाणु बम फट गए तो इस धरती का क्या होगा, इंसानों को तो बात ही छोड़ दीजिए.
सिपरी की रिपोर्ट
हालांकि सिपरी की एक रिपोर्ट कहती है कि दुनिया में परमाणु हथियारों की संख्या घट रही है. पिछले कुछ वर्षों में परमाणु हथियारों की संख्या 600 कम हुई है. इसका कारण रूस और अमेरिका के बीच हुई संधि है. इस संधि के तहत दोनों महाशक्तियों को अपने परमाणु घटाने हैं. वर्तमान में अमेरिका के पास 6,185 और रूस के पास 6,500 परमाणु हैं.
वहीं दक्षिण एशियाई देश भारत और पाकिस्तान धुर विरोधी हैं. दोनों की देश अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहे हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच अक्सर युद्ध की स्थितियां पैदा हो जाती हैं, ऐसे में परमाणु युद्ध की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता. एक अनुमान के मुताबिक भारत के पास 130-140 और पाकिस्तान के पास 150-160 परमाणु हथियार हैं. इसके अलावा चीन के पास 290, फ्रांस के पास 300, इजरायल के पास 80-90 और ब्रिटेन के पास 200, उत्तर कोरिया के पास 20-30 परमाणु हथियार हैं.