नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल ने आज तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ छह मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली है. इन्हीं में एक नाम इमरान हुसैन का है. केजरीवाल कैबिनेट में इमरान हुसैन अकेले अल्पसंख्यक चेहरा हैं. वह 2015 में बल्लीमारान से विधायक बने थे. पिछली बार उन्होंने दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री के रूप में भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही उन्हें फूड एंड सप्लाई, चुनाव और पर्यावरण और जंगल का अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गयी. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को बड़े मार्जिन से हराया. माना जाता है कि कांग्रेस नेता हारून युसुफ का किला ध्वस्त करने का उन्हें इनाम मिला है.


इमरान हुसैन की क्षेत्र में मजबूत है पकड़


कांग्रेस के गढ़ में लगातार दूसरी बार धूल चटाने वाले इमरान हुसैन केजरीवाल सरकार में अल्पसंख्यक कोटे से मंत्री हैं. आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक बनने से पहले इमरान ने काउंसिलर का चुनाव जीता था. 2012 में उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर बल्लीमरान से चुनाव लड़ा. 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल कर मंत्री बननेवाले इमरान को कई विभागों का मंत्री बनाया गया. बतौर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर उन्हें एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स अवार्ड से भी नवाज़ा गया था. दिल्ली में उन्होंने चाइनीज़ और ग्लास वाले मांझे पर भी बैन लगाया था.


इमरान हुसैन का जन्म 21 मई 1981 को दिल्ली में हुआ. उनका संबंध पुरानी दिल्ली से है. उन्होंने दरियागंज में शुरुआती तालीम हासिल की. उसके बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से बिजनेस स्टडीज में डिग्री ली. पढ़ाई खत्म कर उन्होंने पारिवारिक काम में हाथ बंटाया. इमरान की रुचि शुरू से ही सामाजिक और सियासी कामों में रही है. पुरानी दिल्ली के गरीब परिवारों के बीच उन्होंने काफी काम किया है. जरुरतमंद लोगों के बीच रहकर उन्होंने गरीबों की सेवा की. उनकी पत्नी का नाम नगमा इमरान है. उनके पिता का नाम इबरार हुसैन है.


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