3 साल बाद मायावती का नरम रुख, बीते 24 घंटों में सपा-बीएसपी के बीच क्या हुआ?
मंगलवार को बीएसपी सुप्रीमो मायावती का बयान लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चर्चा में रहा है.
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अवध की सियासत में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के एक ट्वीट ने काफी हलचल मचा दी है. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी की सियासत में बिहार पार्ट-2 दोहराने की तैयारी हो रही है.
दरअसल मंगलवार को मायावती ने महंगाई के खिलाफ सपा के प्रदर्शन को पुलिस के जरिए रोकने पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. बीते 3 सालों में यह पहला मौका था जब बीएसपी सुप्रीमो ने सपा के पक्ष में कोई बात कही हो.
उनके इस बयान पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक तरह से स्वागत किया है. कभी बीएसपी नेता और मायावती के सबसे खास रहे मौर्या ने कहा कि वह (मायावती) चार बार मुख्यमंत्री रही हैं, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्होंने जो कभी देखा है और बीजेपी को अच्छी तरीके से समझा है उसकी हकीकत बयां की है. बीजेपी सरकार की मानसिकता को जाहिर करता है कि उसका लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है. लोकतंत्र को कुचला जा रहा है आवाज दबाई जा रही है.
इतना ही नहीं जब स्वामी प्रसाद मौर्या से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के यूपी से चुनाव लड़ने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी गुजरात से आकर वाराणसी से चुनाव लड़ सकते हैं तो नीतीश कुमार पड़ोसी राज्य बिहार से हैं. 8 बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया है और बड़े नेता हैं. उनका यूपी में स्वागत है.
सपा नेता की ओर से यह बयान काफी अहम है. क्योंकि विपक्षी एकता की बात समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अभी तक कुछ भी खुलकर नहीं कहा है. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि जैसे समय नजदीक आ रहा है यूपी और बिहार के विपक्षी नेता भी एक दूसरे के करीब आते जा रहे हैं.
हालांकि पार्टी सुप्रीमो मायावती के मंगलवार वाले बयान पर बीएसपी के विधानमंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि सपा को लेकर नरम होने जैसी कोई बात नहीं है. उमाशंकर सिंह ने कहा कि बीजेपी और सपा मिले हुए हैं.
उन्होंने कहा कि सदन में सपा, सरकार को उन सवालों से बचा रही है जिसका जवाब नहीं है. बीएसपी नेता ने कहा, 'मायावती जी स्पष्ट बोलती हैं.' इसके बाद उमाशंकर सिंह ने अपनी नेता मायावती के ट्वीट को समझाते हुए कहा, 'उनका कहना है कि लोकतंत्र में सब को ये अधिकार है कि नियमों के तहत हम अपना धरना प्रदर्शन, मार्च कर सकते हैं. सरकार को उस में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए और ना ही ऐसे लोगों पर मुकदमा करना चाहिए.'
उमाशंकर सिंह ने बीजेपी को लेकर काफी दिनों बाद मायावती के तल्ख लहजे के सवाल पर कहा कि हमेशा वो मुद्दे उठती हैं. बीएसपी का ऐसा कल्चर है की बहन जी बहुत अनुशासन में रहकर बात करती हैं. मर्यादित और संसदीय परंपरा में रहती हैं. हमारी पार्टी इसलिए जानी जाती है कि संस्कारों से भरी हुई है और अनुशासन में काम करती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी एनसीआरबी के आंकड़ों की बात करती है तो बहन जी के समय से भी मिला लीजिए इसको पता चल जायेगा कौन बेहतर.
मायावती ने ट्वीट पर क्या कहा था
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- विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक.
- इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब माँगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की मांग.
- महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है.
क्यों निकाले जा रहे हैं मायने
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बीएसपी-आरएलडी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. चुनाव के पहले माना जा रहा था कि ये गठबंधन यूपी में बीजेपी का सफाया कर देगा. लेकिन राष्ट्रवाद और मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने इस गठबंधन के सारे समीकरणों को ध्वस्त कर दिया और अपना दल मिलाकर 65 सीटें जीत लीं.
इसके बाद मायावती ने बयान दिया कि सपा को वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हुआ. उनक ये बयान सपा के साथ गठबंधन के टूट का कारण बन गया.
लेकिन बिहार में नीतीश और तेजस्वी के दोबारा एक हो जाने के बाद विपक्षी एकता की बात हो रही है साथ ही नीतीश कुमार को पीएम पद का चेहरा भी बताया जा रहा है.
बीजेपी की बी टीम होने की तोहमत झेल रही बीएसपी प्रमुख के ये बयान यूपी में बिहार पार्ट-2 के नजरिए से देखा जा रहा है.
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