RTI Reveals : उच्च सरकारी पदों (High Government Post) पर बैठे अफसरों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायतें सुनने और उन पर कार्रवाई करने के लिए लोकपाल का गठन हुआ था. इस कार्यालय को इस साल अभी तक 1,719 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 136 को जांच करने के लिए दर्ज किया गया है.


लोकपाल कार्यालय ने क्या कहा


‘सूचना का अधिकार’ कानून के तहत  मिली जानकारी के अनुसार, लोकपाल के कार्यालय ने बताया कि 2022-23 (21 अगस्त 2022) तक मिली कुल शिकायतों में से 134 निर्धारित प्रारूप में थी और 1,585 बिना निर्धारित प्रारूप के थी.आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, निर्धारित प्रारूप में मिली 133 घूस की शिकायतें दर्ज की गयी, जिनमें से 83 का निस्तारण कर दिया गया और 50 लंबित है. लंबित शिकायतों में से 12 की जांच चल रही है. लोकपाल कार्यालय ने बताया कि बिना निर्धारित प्रारूप के मिली शिकायतों में केवल तीन दर्ज की गयी. कार्यालय ने बताया कि 2022-23 में घूसखोरी की कुल 1,719 शिकायतों में से 1,635 शिकायतें लंबित हैं.



केंद्र सरकार ने कौन से नियम बनाए थे 


केंद्र सरकार मार्च 2020 में लोकपाल (शिकायत) नियम अधिसूचित किए थे, जिसमें एक निर्धारित प्रारूप में शिकायत दर्ज कराने का प्रस्ताव रखा गया था. लोकपाल ने पिछले महीने केवल निर्धारित प्रारूप में मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों को ही स्वीकार करने का फैसला किया था. लोकपाल को 2021-22 के दौरान 5,680 शिकायतें मिली थीं, जिनमें से 169 निर्धारित प्रारूप में थीं और 5,511 शिकायतें बिना प्रारूप के थी.



बहुत सारे पद हैं खाली 


लोकपाल कार्यालय ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक का पद खाली है. अभी अभियोजन तथा जांच शाखाएं गठित नहीं की गयी हैं और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो एवं केंद्रीय सतर्कता आयोग की मदद से काम किया जा रहा है.’’लोकपाल इस साल 27 मई से अपने नियमित प्रमुख के बिना ही काम कर रहा है.लोकपाल के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं. दो वर्ष से न्यायिक सदस्यों के दो पद भी खाली हैं.


 


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