कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बुरी तरह से जूझ रहे भारत में सरकार वैक्सीनेशन अभियान पूरी तेजी से चलाने की कोशिश में है. कोविड के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन को एक बेहद कारगर हथियार माना जा रहा है. भारत सरकार के आंकडों की मानें तो देश में 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 1.8 मिलियन लोगों को कोविड का पहला डोज लगाया जा चुका है.
45+ का वैक्सीनेशन सरकार की प्राथमिकता
केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारों का भी प्रयास है कि टीकाकरण अभियान पूरी तेजी से चलाया जाए. ऐसे में आने वाले समय में वैक्सीन की उपलब्धता और सप्लाई बेहतर होने पर टीकाकरण आंकडा तेजी से बढ़ेगा. सरकार का कहना है कि 45 से ज्यादा उम्र को टीका लगाया जाना उनकी प्राथमिकता में शामिल है, क्योंकि इस आयु समूह में बीमारी का स्वरूप गंभीर होने का सबसे ज्यादा जोखिम है. भारत में पिछल कुछ सप्ताह में कोविड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कोरोना के इस विस्फोट के चलते देश की स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हुई हैं.
इस वक्त 5 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज ICU में
सरकार के आंकडों के मुताबिक इस वक्त देश में 5 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज आईसीयू बेड पर हैं, जबकि 1 लाख 70 हजार मरीजों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. दुनिया के कई देशों से भारत को स्वास्थ्य संबंधी मदद प्रदान की जा रही है, ताकि भारत कोरोना की इस बेकाबू स्थिति को काबू में कर सके. 27 अप्रैल के बाद से देश में 6,738 ऑक्सीजन कॉसेंट्रेटर, 3,856 ऑक्सीजन सिलेंडर, 4,668 वेंटिलेटर, 3 लाख रेमडेसिविर वॉयल्स आ चुके हैं. इस दौरान 16 नए ऑक्सीजन प्लांट्स भी लगाए गए हैं. भारत के लिए ये मदद कनाडा, थाईलैंड, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, इसराइल, अमेरिका, जापान, मलेशिया जैसे देशों की ओर से भेजी गई है.
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