मुंबई: कोरोना की सबसे बड़ी मार पड़ी है दैनिक कामगार मज़दूरों पर जो पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर पैदल अपने गांव के लिए निकल चुके हैं. महाराष्ट्र में मुंबई, नासिक, पुणे, नागपुर से पैदल ही कामगार मजदूर उत्तर भारत की तरफ बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार की तरफ से उनके लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों का इंतजाम कराया गया है. राज्य के अलग-अलग हिस्सों से जो आंकड़े सामने आया हैं, उसमे अब तक 1 लाख 41 हज़ार के करीब प्रवासी मजदूरों को सरकार न बसों से महाराष्ट्र के बॉर्डर तक छोड़ा है.
मजदूरों के पलायन के लिए ट्रेनों के सीमित संसाधन के बीच मजदूर पैदल ही यात्रा कर रहे हैं अब महाराष्ट्र सरकार ने 11 हज़ार 379 बसों को लगाकर तकरीबन एक लाख 41 हज़ार मजदूरों को महाराष्ट्र की सीमाएं पार कर आई है. मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम नहीं हुआ है पर महाराष्ट्र सरकार की कोशिश है कि उन्हें राज्य की सीमाओं तक सुरक्षित यात्रा करा दी जाए.
गौरतलब है कि कई मजदूर ट्रकों में भर भर कर जा रहे थे जिसके बाद लगातार दुर्घटना की खबरें आ रही थी. महाराष्ट्र में पुलिस ने सख्ती दिखाई और अब मुंबई से निकल रहे ट्रकों को बड़े पैमाने पर रोककर सीज किया जा रहा है और उसमें सवार प्रवासी मजदूरों को बसों से राज्य की सीमा तक पहुंचाया जा रहा है.
इन बसों से पलायन कर रहे मजदूरों को मध्य प्रदेश तेलंगाना गुजरात छत्तीसगढ़ कर्नाटक जैसे राज्यों की सीमा तक पहुंचाने की कवायद लगातार जारी है.