नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘परीक्षा पर चर्चा 2020’ में स्कूली छात्रों के सभी सवालों का जवाब दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने #WithoutFilter का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज छात्रों से जो भी बात होगी वह With out Filter होगी. पीएम मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि आजकल यही हैशटैग चल रहा है. मोदी की इस बात पर कार्यक्रम में बैठे सभी लोग हंसने लगे. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने परीक्षा की तैयारियां कैसे करें? तनाव को कैसे कम करें और समय का सही इस्तेमाल कैसे करें? जैसे कई सवालों को लेकर छात्रों से बातचीत की. जानिए 10 बड़ी बातें.


पीएम मोदी ने किया खिलाड़ियों का जिक्र


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों को परीक्षा में तनाव से मुक्ति पाने लिये कुछ कारगर उपाय सुझाते हुये क्रिकेट खिलाड़ियों द्वारा अपनाये जाने वाले कुछ तरीके सुझाये. पीएम मोदी ने कहा कि क्रिकेट खिलाड़ी मैदान में बैटिंग या बॉलिंग शुरु करने से पहले बैट घुमाना या बॉल फेंकने का छद्म प्रदर्शन करते हैं. दरअसल ये उनके अपने तनाव को दूर करने का तरीका होता है. मोदी ने छात्रों से परीक्षा में जाने से पहले अपने पेन कॉपी आदि को ठीक करने जैसी परीक्षा से जुड़ी गतिविधियों में एक दो मिनट के लिये खुद को शामिल करने का सुझाव देते हुये कहा कि ऐसा करने से वे परीक्षा जनित तनाव से मुक्ति पा सकेंगे.


परीक्षा को न बनने दें बोझ- मोदी


तंजानिया से एक भारतीय छात्रा द्वारा परीक्षा से पहले के तनाव से निपटने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने छात्रों से परीक्षा को बोझ नहीं बनाने का सुझाव देते हुये कहा कि परीक्षा को जिंदगी में बोझ नहीं बनने देना चाहिये. उन्होंने कहा कि छात्र अगर परीक्षा में अपने काम पर ही खुद को केन्द्रित करें तो अनावश्यक तनाव से मुक्ति मिल सकेगी और इससे उनकी कठिनायी बहुत कम हो जाती है.


सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं- मोदी


मोदी ने छात्रों से परीक्षा में पहले सरल सवालों के जवाब देने का सुझाव देते हुये कहा कि इससे उनका हौसला भी बढ़ता है और कठिन सवालों के जवाब दे पाने का आत्मविश्वास पैदा होता है. उन्होंने कहा कि छात्रों को परीक्षा से बिल्कुल नहीं डरना चाहिये, खासकर नाकाम होने का डर तो कतई अपने मन में नहीं पनपने देना चाहिये. कार्यक्रम के अंत में पंजाब की छात्रा हरदीप द्वारा परीक्षा के तनाव के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं. कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है. ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए. मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है.’’


स्मार्ट फोन आपका समय चोरी करता है- मोदी


इससे पहले समय के सदुपयोग से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने फोन पर समय की बर्बादी का जिक्र करते हुये कहा, ‘‘स्मार्ट फोन आपका जितना समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं. तकनीक हमें खींचकर अपने पास ले जाए, इससे हमें बचना चाहिए. हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा.’’


मोदी ने दी ‘एक्जाम वॉरियर’ बुक पढ़ने की सलाह


इस दौरान पीएम मोदी ने छात्रों से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम पर आधारित बुक ‘एक्जाम वॉरियर’ को अगले दो तीन दिनों में पढ़ने की गुजारिश की. मोदी ने कहा कि वह इस पुस्तक को इसलिये पढ़ने के लिये नहीं कह रहे हैं क्योंकि इसे उन्होंने लिखा है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले आप जैसे छात्रों से चर्चा पर ही आधारित है. मोदी ने छात्रों से जीवन को कुछ करने के सपनों से जोड़ने की अपील करते हुये कहा, ‘‘अगर ऐसा करोगे तो इससे आपको कभी भी परीक्षा का दबाव और तनाव नहीं रहेगा. परीक्षा एक मुकाम है, परीक्षा ही सब कुछ नहीं है. जीवन में आगे जाने का एक मात्र रास्ता परीक्षा ही नहीं है, बल्कि कई अन्य रास्ते भी हैं.’’


पीएम मोदी ने किया चंद्रयान-2 मिशन का जिक्र


पीएम मोदी ने परीक्षा के कारण मन व्यथित होने से जुड़े एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘छात्रों को विफलता से नहीं डरना चाहिये और नाकामी को जीवन का हिस्सा मानना चाहिये.’’ उन्होंने छात्रों को चंद्रयान मिशन की घटना का जिक्र करते हुये छात्रों को बताया कि उनके कुछ सहयोगियों ने चंद्रयान मिशन की लैंडिंग के मौके पर नहीं जाने की सलाह दी थी, क्योंकि इस अभियान की सफलता की कोई गारंटी नहीं थी. मोदी ने कहा कि इसके बावजूद वह इसरो के मुख्यालय गये और वैज्ञानिकों के बीच में रह कर उनका भरपूर उत्साहवर्धन किया.


घूमने के लिये पूर्वोत्तर जरूर जाएं- मोदी


कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश के छात्रों से पूर्वोत्तर राज्यों का भ्रमण करने की अपील करते हुये कहा कि देश का यह इलाका हर नजरिये से अतिसमृद्ध है.  उन्होंने पूर्वोत्तर की छात्रा द्वारा अधिकार और कर्तव्य के बारे में पूछे जाने पर खुशी जाहिर करते हुये कहा कि देश के छात्रों को घूमने के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के भ्रमण हेतु जरूर जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि वस्तुत: मूलभूत अधिकार होते ही नही हैं, बल्कि मूलभूत कर्तव्य होते हैं. मोदी ने कहा, ‘‘अगर हम अपने दायित्वों का सम्यक निर्वाह करें तो किसी को अपने अधिकारों की मांग करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.’’


2047 में देश में नेतृत्व की भूमिका में होंगे आप- मोदी


प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से भविष्य में देश और समाज में खुद को नेतृत्व करने की भूमिका के लिये अभी से तैयार करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘आज की किशोर पीढ़ी 2047 में आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश में नेतृत्व की भूमिका में होंगे. जब देश आजादी के सौ साल मनायेगा तब अगर आपको टूटी फूटी व्यवस्था मिले तो क्या आप नेतृत्व की जिम्मेदारी का निर्वाह कर पायेंगे, शायद नहीं.’’


अन्य गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें- मोदी


पीएम मोदी ने छात्रों से पढ़ाई से इतर खेल, कला संगीत आदि अन्य गतिविधियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की. छात्रों के सवालों के जवाब देते हुये पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को खासकर दसवीं और इससे ऊपर की कक्षा के छात्रों को पढ़ाई से इतर गतिविधियों में जरूर शामिल होना चाहिये. उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों को वे काम भी करने देना चाहिये जो वे करना चाहते हों.


‘गूगल गुरु’ का इस्तेमाल करते हैं सभी- मोदी


सूचना प्रोद्यौगिकी खासकर गैजेट के इस्तेमाल से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि आजकल की पीढ़ी नयी नयी जानकारियों को हासिल करने के लिये ‘गूगल गुरु’ का जमकर इस्तेमाल करती है. उन्होंने सोशल नेटवर्किंग को आवश्यक बताते हुये कहा कि इसमें समय के साथ विकृति भी आयी है. उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक के बारे में मैं भी विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन इसके बारे में जानने की अपनी लालसा के कारण मैं तकनीक के बारे में पूछताछ करता रहता हूं और इसका मुझे बहुत लाभ मिलता है.’’