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योगी सरकार के 100 दिन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही ये 10 बड़ी बातें
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. इसी मौके पर आज एबीपी न्यूज ने एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 दिनों के कामकाज का हिसाब दिया है. आदित्यनाथ ने यूपी में कानून, एंटी रोमियो दल, सहारपुर की घटना, किसानों की कर्जमाफी से लेकर गौरक्षा तक पर अपनी राय रखी और सरकार के काम का ब्यौरा बताया और साथ ही सवालों के जवाब भी दिए. आपको बता रहे हैं योगी आदित्यनाथ की दस महत्वपूर्ण बातें-
- योगी आदित्यनाथ ने कहा- जो प्रदेश पिछले 14-15 सालों से जातिवाद, परिवाद और भ्रष्टाचार के आगोश में डूब चुका था उसके सामने चुनौतियां भी होगीं और समस्याएं भी. लेकिन इनका समाधान भी होगा. पिछले 100 दिन के दौरान इसी को सुधारने का प्रयास किया गया है. जंगलराज, नौजवानों का पलायन, आत्महत्या करता किसान, असुरक्षित बेटियां और माताएं ये यूपी का चेहरा बन चुका था. यूपी के कार्यालयों में फाइलें धूल चाट रही थीं. सालों से जंग लगी हुई व्यवस्था को ठीक करने में थोड़ा समय तो लगेगा ही.
- सहारनपुर की घटना योगी आदित्यनाथ- यह एक सुनियोजित साजिश थी और बसपा प्रमुख मायावती ने इसमें आग में घी डालने का काम किया था. मैंने अधिकारियों से पूछा था कि मायावती को कार्यक्रम करने की अनुमित कैसे दे दी? तो अधिकारियों ने कहा कि कुछ नहीं होगा. मैंने कहा कि जहां पर जातिय संघर्ष को उकसाने का प्रयास किया जा रहा है वहां पर एक जाति विशेष से जुड़ी नेता को कार्यक्रम करने देंगे तो क्या होगा. मैंने उस दौरान मंत्रियों के कार्यक्रम रद्द करा दिए थे. प्रशासन ने उन्हें अनुमति देकर भूल की.
- अवैध बूचड़खानों पर योगी आदित्यनाथ- सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की गाइडलाइंस को जो भी पालन नहीं करता है तो उसे हमनें बंद कराया गया है. इसमें यांत्रिक और सामान्य कत्लखाने दोनों हैं. हमने चुनाव के दौरान भी यही कहा था.
- एंटी रोमियो दल पर योगी आदित्यनाथ- इसके लिए गाइडलाइंस पहले ही जारी कर दी गई है. किसी ने भी कानून के साथ खिलवाड़ किया तो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. प्रदेश के अंदर महिलाओं की सुरक्षा एक चुनौती थी काफी हद तक हमने दूर किया है.
- हिंदू युवा वाहिनी पर आदित्यनाथ- कोई भी संगठन कानून को हाथ में लेगा तो उस पर कार्रवाई होगी. सरकार पूरी संजीदगी, जवाबदेही और संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है. चाहें कोई भी दल हो या फिर कोई भी संगठन हो अगर कोई कानून अपने हाथ में लेता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी. ये संदेश सबके लिए है, किसी संगठन विशेष के लिए नहीं है.
- गौरक्षा पर- जो लोग अन्य दलों से बेरोजगार हुए हैं उनमें से बहुत लोगों ने भगवा गमछा डालकर इस प्रकार के काम शुरू किए हैं. प्रदेश के अंदर ऐसी कोई घटना नहीं हुई है कि गौरक्षा के नाम किसी को मारा गया हो. आगे भी ऐसी घटना नहीं होगी. आप पुलिस को सूचना दीजिए, प्रशासन को दीजिए, अगर कोई कानून को हाथ में लेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. पीएम ने साफ कह दिया है कि गौरक्षा के नाम पर सड़क चलते किसी भी शख्स पर हाथ ना चलाएं.
- किसानों की कर्जमाफी पर- किसानों की कर्जमाफी किसानों पर एहसान नहीं है. हमने प्रदेश के अंदर लघु और सीमांत किसानों को राहत दी है जो सालों से सूखा और कई दैविय आपदाओं को झेला है. पिछले 12-15 सालों से प्रदेश के अंदर आने वाली सरकारों के एजेंडे में कभी किसान थे ही नहीं. चीनी मिल मालिकों के बारे में सरकार फैसला ले लेती थी लेकिन किसानों के गन्ना मूल्य के बारे में सरकार साइलेंट हो जाती थी. हमने इस व्यवस्था को किसानों की आत्मनिर्भरता के साथ जोड़ा है. हमने बैंकर्स से इस बारे में कहा कि 31 मार्च 2016 तक लिए गए एक लाख तक के ऋण पर लघु और सीमांत किसान को कोई नोटिस ना मिले. 2017 तक ये व्यस्था करे लें कि जिनका एनपीए हो चुका है उन्हें कोई नोटिस जारी नहीं करेंगे. प्रदेश के अंदर करीब 86 लाख किसानों को इस व्यवस्था से लाभान्वित करने जा रहे हैं.
- इसके साथ योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि 'हमने किसानों को एक ऑफर दिया है कि हम उनकी ऊपज का दाम उन्हें देंगे. हम लोगों ने गेहू क्रय केंद्र इसी आधार पर शुरू किया था. किसानों से इस साल 37 लाख मेट्रिक टन गेहूँ सरकार ने ख़रीद की है. हम प्रत्येक जनपद में एक कृषि विज्ञान केंद्र भी स्थापित करेंगे. हम आधुनिक तकनीक के साथ किसानों को जोड़ेंगे.'
- लालू-नीतीश की जोड़ी की तरह यूपी में अखिलेश-माया की जोड़ी बन जाए तो? इस सवाल पर आदित्यनाथ ने कहा, 'प्रदेश की जनता ने परिवारवाद और जातिवद को पूरी तरह नकार दिया है. इस प्रकार की बेमेल जोड़ी के लिए राजनीति में कोई स्थान नहीं है.'
- क्या अगला विधानसभा चुनाव गोरखपुर से लड़ेगे? सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा- मैं फुल टाइम राजनेता नही हूं. गोरखपुर मेरी कर्मभूमि-साधनाभूमि है. इसे छोड़ने का सवाल नहीं. विधानसभा चुनाव वहां से लडूंगा जहां से पार्टी तय करेगी.
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