नई दिल्ली: दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है. गाजियाबाद में यूपी बॉर्डर पर आज किसानों की महापंचायत होगी. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत बालियान खाप के अध्यक्ष हैं. इसी तरह से करीब 18 खाप हैं जो उनके आह्ववान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से उन सब के आने की उम्मीद है.


इनमें मुख्य बालियान खाप, तोमर खाप, मलिक खाप, चौहान खाप, चौगामा खाप, लाटियान खाप, अहलावत खाप, देशवाल खाप, कालखण्डे खाप, बत्तीसा खाप, गुलियान खाप आदि 18 खाप हैं जो आज अपने मुखियाओं के नेतृत्व में कूच करेंगी. यही खाप चौधरी अपने किसानों की पीड़ा महसूस करने आँदोलन में पहुँच रहे हैं. करीब 18 खाप के चौधरियों के आने की आहट सुनते ही, प्रसासन चौकस हो गया है.


किसान आंदोलन को खाप का समर्थन, मुज़फरनगर से गाज़ियाबबाद के लिए करेंगे कूच किसान
कृषि कानून को लेकर दिल्ली यूपी गेट पर चल रहे किसान आंदोलन को अब अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की 10 खाप पंचायतों का भी समर्थन मिल गया है. मुजफ्फरनगर जनपद की ऐतिहासिक शोरम ग्राम चौपाल पर खाप चौधरियों की एक आपातकालीन बैठक हुई. जिसमें किसानों को 10 खाप चौधरियों ने समर्थन देने के साथ-साथ आज यूपी गेट पर होने वाले आंदोलन में हिस्सा लेने की घोषणा की.


इस खाप चौधरियों की आपातकालीन बैठक में बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत व देशवाल खाप के चौधरी सरणवीर सिंह के साथ दर्जनों दिलीप चौधरी मौजूद रहे, इस मामले पर भाकियू सुप्रीमो नरेश टिकट का कहना है किसान अपनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं और तब तक केंद्र सरकार इसी कानून बिल वापस नहीं करती यह लड़ाई जारी रहेगी.


किसानों को सड़क से हटाने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर होगी सुनवाई
आंदोलनकारी किसानों को सडक से हटाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी. सुनवाई दोपहर 12 बजे के बाद होगी. कोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई में कहा था कि वह कोई भी आदेश देने से पहले आंदोलनकारी संगठनों को भी सुनेगा.


इस मामले में कोर्ट ने 8 संगठनों को पार्टी बनाया है. इनमें भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), बीकेयू सिधुपुर, बीकेयू राजेवाल, बीकेयू लाखोवाल, जम्हूरी किसान सभा, बीकेयू दकौंडा, बीकेयू दोआबा, कुल हिंद किसान फेडरेशन हैकोर्ट ने विवाद के हल के लिए एक कमेटी बनाने की भी बात कही है. इस कमेटी में आंदोलनकारी संगठनों के साथ, सरकार और देश के बाकी किसान संगठनों के भी लोग होंगे.