ये पावतियां कोलकाता की एक निजी कंपनी पर की गई छापेमारी के दौरान जब्त की गई थी. उन्होंने बताया कि इंस्पेक्टर धर्मशील अग्रवाल 10 लाख रुपये की पहली किश्त को स्वीकार करने के लिए कथित तौर पर तैयार हो गए थे.
प्रवक्ता ने बताया, "सीबीआई ने एक जाल बिछाकर इंस्पेक्टर और लखनऊ के एक आदमी को शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपये प्राप्त करते हुए पकड़ा." उन्होंने बताया कि एजेंसी ने अधिकारी के आवास पर छापेमारी की जहां से करीब 10.50 लाख रुपये नकद और कई बैंक खातों एवं निवेश से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए.
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