नई दिल्ली: लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज साल 2021-22 का बजट पेश किया. कोरोना काल में देश को वित्त मंत्री से काफी उम्मीदें थीं लेकिन मौटे तौर पर आम आदमी को बजट से निराशा ही हाथ लगी है. टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. स्वास्थ्य पर बजट बढ़ाया गया है, इसके साथ ही वैक्सीन के लिए वित्त मंत्री 35 हजार करोड़ के बजट का एलान किया. आजादी के 75 साल पूरे होने पर 75 पार के बुजुर्गों को अब आईटीआर भरने से छूट दी गई है.


बजट के बाद सरकार के तमाम मंत्री जहां वित्त मंत्री की पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्ष सरकार पर सरकारी संपत्तियों को बेचने का आरोप लगा रहा है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने तो कहा कि यह बीजपी सरकार मुझे उस गैराज मैकेनिक की याद दिलाती है, जो अपने क्लाइंट से कहतहा है कि मैं तुम्हारे ब्रेक ठीक नहीं कर सकता, इसलिए मैंने तुम्हारा हॉर्न तेज कर दिया है. बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बार बजट भाषण कागजी दस्तावेज के बजाय टैबलेट से पढ़ा.


पढ़ें बजट की 10 बड़ी बातें...




  1. स्वास्थ्य पर दिया, वैक्सीन के लिए 35 करोड़: वर्ष 2021-22 के बजट में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री ने कहा, ''मैंने कोविड-19 के टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं. अगर जरूरत हुई तो आगे भी धन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं. 2021-22 में स्वास्थ्य का बजट 2.23 लाख करोड़ रुपये है और इसमें 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.'' देश भर में 15 नए इमरजेंसी सेंटर खोले जाएंगे

  2. मिडिल क्लास निराश, इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं: बजट में आम जनता को टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है. बजट में मौजूदा टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में राहत दी जाएगी. 75 की उम्र पार कर चुके वरिष्ठ नागरिकों को अब आईटीआर भरने की जरूरत नहीं होगी. यानी अब वह इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरेंगे. जिनकी इनकम पेंशन पर निर्भर है उन्हें कोई इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरना होगा

  3. पेट्रोल और डीजल पर सरकार ने लगाया कृषि सेस: सरकार ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये कृषि सेस लगाया है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि आम लोगों के लिए कीमतों पर नहीं कोई असर पडे़गा. सरकार ने बेसिक एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी घटायी गयी है.

  4. क्या सस्ता और क्या महंगा: वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण ने कुछ ऑटो पार्ट्स पर 15 फीसदी तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है. इससे नई गाड़ियां महंगी होंगी. सरकार ने मोबाइल और उससे जुड़े चार्जर और हेडफोन पर 2.5 परसेंट इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है. इसका असर स्मार्ट फोन की कीमतों पर होगा, अब आपको नए फोन के लिए ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी.

  5. इसके अलावा इलेक्ट्रानिक उपकरण, इम्पोर्टेड कपड़े, सोलर इन्वर्टर, सोलर लालटेन, फ्रीज और एसी का कंप्रेशर, कॉटन नट और पेंच और कच्चा सिल्क और सिल्क का धागा महंगे हुए हैं. वहीं स्टील से बने सामान सोना, चांदी, तांबे का सामान, सोने चांदी के सिक्के और ईंटे और नायलन चिप सस्ते हुए हैं.

  6. रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये का एलान: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा की, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी. सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देशभर में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की. उन्होंने कहा, ‘‘मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं.’’

  7. चुनावी राज्यों को सड़क परियोजनाओं की सौगात: वित्त मंत्री ने चुनावी राज्यों को निराश नहीं किया और कई बड़े एलान किए. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम के लिए वित्त मंत्री ने जमकर पैसा दिया. चुनाव वाले राज्य बड़े राज्यों में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कुल 2.27 लाख करोड़ का एलान किया. वित्त मंत्री ने कहा, ''पश्चिम बंगाल में कोलकाता-सिलीगुड़ी के लिए नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट होगा. बंगाल में राजमार्ग पर 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. बंगाल में 675 किमी राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा.'' इसके साथ ही वित्त मंत्री ने तमिलनाडु, केरल और असम के लिए भी बड़े एलान किए. उन्होंने कहा, ''3500 किमी नेशनल हाईवेज प्रोजेक्ट के तहत तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसका कंस्ट्रक्शन अगले साल शुरू होगा. 1100 किमी नेशनल हाईवे केरल में बनेंगे. इसके तहत मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी बनेगा. केरल में इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. 34 हजार करोड़ रुपए असम में नेशनल हाईवेज पर खर्च होंगे.

  8. किसानों को खुश करने की कोशिश: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत की तुलना में कम से कम 1.5 गुना कीमत सुनिश्चित करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है. इसके साथ ही किसानों से अनाजों की खरीद और उनको किया जाने वाला भुगतान तेजी से बढ़ा है. वित्त मंत्री ने जैसे ही कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया, विपक्षी सांसद तीनों हालिया कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने लगे.

  9. लोकपाल को करीब 40 करोड़ रुपये मिले: लोकपाल को वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में करीब 40 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है ताकि उसके निर्माण संबंधी व्यय को पूरा किया जा सके. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को प्रस्तुत आम बजट के अनुसार मार्च में समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष के लिए लोकपाल को 74.4 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था जिसे अब कम करके 29.67 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है. वहीं आगामी वित्त वर्ष के लिए लोकपाल के वास्ते कुल 39.67 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.

  10. बजट के दौरान सरकार का हुआ विरोध: कांग्रेस के पंजाब के तीन सांसद सोमवार को केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध जताते हुए काले चोगा पहनकर बजट भाषण के दौरान लोकसभा पहुंचे. कांग्रेस के लोकसभा सदस्य बलबीर सिंह गिल, रवनीत सिंह बिट्टू और गुरजीत सिंह औजला ने जो चोगे पहन रखे थे उन पर ‘किसान की मौत का काला कानून वापस लो’ और ‘मैं किसान हूं, मैं खेत मजदूर हूं, मुझसे धोखा मत करो’ लिखा हुआ था. सदन में पहुंचने से पहले इन सांसदों ने लोकसभा परिसर में भी नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.