नई दिल्ली: ऑल इंडिया किसान को-ऑर्डिनेशन कमेटी से संबंध रखने वाले दस संगठन आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोहर से मिलने पहुंचे हैं. इनकी मुलाकात जारी है और इन संगठनों ने तीनों नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन जताया है. ये दस किसान संगठन उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा से आए हैं.


इन संगठनों ने कृषि मंत्री से ऐसे समय में मुलाकात की है जब आंदोलनरत किसान उपवास पर हैं. दिल्ली बॉर्डर पर आज किसान आंदोलन का 19वां दिन है. अलग-अलग किसान संगठनों के प्रतिनिधि आज एक दिन के उपवास पर हैं. अब तक किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. बता दें कि रविवार को भी उत्तराखंड के कुछ संगठनों के नेताओं ने कृषि मंत्री से मुलाकात की थी और कृषि कानून पर समर्थन दिया था.






इस मुलाकात पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति के किसान आए थे. उन्होंने हमारे कृषि क़ानून का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नेक काम किया है. हम चर्चा के लिए खुले हुए हैं. किसानों का कार्यक्रम चल रहा है, अगर बातचीत का कोई प्रस्ताव भेजेंगे तो करेंगे. हमारी इच्छा है कि किसान क़ानून की हर धारा पर चर्चा करें.


उधर किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से दिल्ली आने वाले कई रास्ते सोमवार को भी बंद रहे. इसके मद्देनजर दिल्ली की यातायात पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से लोगों को बंद रास्तों की जानकारी दी और उन्हें परेशानी से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों से आवागमन करने का परामर्श दिया.


अलग-अलग राज्यों के किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा सीमा) पर दो हफ्तों से डेरा डाले हुए हैं. यातायात पुलिस ने ट्वीट कर बताया,, ‘‘ सिंघू, औचंदी, पियाउ मनियारी, सभोली और मंगेश सीमाएं बंद हैं. इसलिए यात्री वैकल्पिक लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल नाका बार्डर के रास्ते आवागमन करें. मुकर्बा और जीटी करनाल रोड पर मार्ग बदला गया है. यात्री बाहरी रिंग रोड और एनएच-44 से बचें.’’


दिल्ली यातायात पुलिस ने कई ट्वीट कर बताया, ‘‘गाजियाबाद से दिल्ली आने वालों के लिए गाजीपुर बॉर्डर किसानों के प्रदर्शन की वजह से बंद रहेगा, इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे दिल्ली आने के लिए आनंद विहार, डीएनडी, चिल्ला, अप्सरा और भोपरा बॉर्डर के वैकल्पिक रास्तों को चुने.’’


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