नई दिल्ली: सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला 124वां संविधान संसोधन विधेयक आज राज्यसभा से भी पास हो गया है. बिल पास होने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि यही 'सबका साथ-सबका विकास' है. बता दें कि अब इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही ये बिल कानून बन पाएगा.
अमित शाह बोले- समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार
बिल पास होने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, ''लोक-कल्याण का निरंतर प्रयास है, जन-जन का साफ नियत में विश्वास है, चरितार्थ होता 'सबका साथ-सबका विकास' है. आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले विधेयक के राज्य सभा में पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई और इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार.''
गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला विधेयक राज्यसभा से भी पास, जानें आगे क्या होगा?
राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 165 वोट पड़े थे, वहीं विपक्ष में मात्र सात वोट पड़े. बता दें कि इस बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने के खिलाफ 155 वोट पड़े थे. उपसभापति ने सदन को बताया कि बिल पर करीब 10 घंटे तक चर्चा हुआ जबकि इसके लिए 8 घंटे का वक्त तय किया गया था.
10 फीसदी आरक्षण के फैसले के बारे में जानें
ये आरक्षण मौजूदा 49.5 फीसदी आरक्षण की सीमा के ऊपर होगा. इसी के लिए संविधान में संशोधन करना जरूरी था. इसका लाभ ब्राह्मण, ठाकुर, भूमिहार, कायस्थ, बनिया, जाट और गुर्जर आदि को मिलेगा. हालांकि आठ लाख सालाना आय और पांच हेक्टेयर तक ज़मीन वाले गरीब ही इसके दायरे में आएंगे.
बता दें कि इस विधेयक के तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 जनवरी को इसे मंजूरी प्रदान की थी और इसे कल लोकसभा और आज राज्यसभा में पेश किया था, जहां ये विधेयक पास हो गया.
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