नई दिल्ली: मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने का फैसला लेकर लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी तीर चलाया है. इस फैसले से राजनीति पलट जाएगी क्या, ये कहना अभी थोड़ा मुश्किल है लेकिन फैसले से सवर्णों के अच्छे दिन की उम्मीद भी बढ़ी है और चुनाव में भी बीजेपी वोटों की बंपर फसल की उम्मीद लगा सकती है.
सरकार ने अचानक फैसला लिया और इतनी तैयारी के साथ कि इसी संसद सत्र में बिल पास कराने भी कोशिश है. दोपहर 12 बजे लोकसभा में मंत्री थावरचंद गहलोत बिल पेश करेंगे. बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है. साथ ही बिल पास कराने के लिए राज्यसभा का सत्र भी एक दिन बढ़ा दिया गया है.
तीन राज्यों में मिली चुनावी हार और राम मंदिर पर बन रहे माहौल के बीच सरकार को उम्मीद है कि ये फैसला चुनावी संजीवनी साबित होगा. सर्वण वोटरों को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है. ऐसे में माना जा रहा है कि एससीएसटी एक्ट की मजबूती से नाराज सवर्णों को खुश करने के लिए बीजेपी ने दांव खेला है. सरकार के दांव की की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई विरोधी दल भी ना-नुकर के बीच समर्थन देने के लिए तैयार हो गए हैं.
2014 के चुनाव नजीतों पर नजर डालें तो एक बात साफ है कि सर्वण वोटरों ने बीजेपी को झोली भरकर वोट दिए. 2014 के नतीजों के मुताबिक देश के 14 राज्यों में बीजेपी ने 91% सीटों पर कब्जा जमाया था. इन सभी राज्यों में सवर्ण प्रभाव वाली सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया.
इन 14 राज्यों (उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल) में लोकसभा की कुल 341 सीटें हैं. इन 314 सीटों में सवर्ण प्रभाव वाली 179 सीटें हैं, इनमें से 2014 में बीजेपी ने 140 सीटों पर कब्जा जमाया था.
किस राज्य में आंकड़ों की कहानी?
10% आरक्षण: 14 राज्यों में सवर्ण प्रभाव की है 179 सीटें, 2014 में BJP ने 140 पर जमाया था कब्जा
एबीपी न्यूज़
Updated at:
08 Jan 2019 03:19 PM (IST)
2014 के नतीजों के मुताबिक देश के 14 राज्यों में बीजेपी ने 91% सीटों पर कब्जा जमाया था. इन सभी राज्यों में सवर्ण प्रभाव वाली सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया.
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