कमलेश तिवारी मर्डर: हत्यारों की तलाश के लिए बनी 10 टीमें, सीएम बोले- किसी को बख्शा नहीं जाएगा
इस मामले में डीजीपी ने बताया कि अब तक इस हत्याकांड का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी की तरफ से पैगम्बर मोहम्मद पर दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कमलेश तिवारी हत्याकांड से देशभर में सनसनी है. इस मामले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान भी आया है. सीएम योगी ने कहा है कि अगर कमलेश तिवारी का परिवार उनसे मिलने आएगा तो वो जरूर मिलेंगे, उन्होंने ये भी कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या राज्य में दहशत फैलाने की कोशिश और और ऐसी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''यह दहशत पैदा करने की एक शरारत है, इसमें कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. जिनमें तीन लोगों को गुजरात में और दो लोगों को उत्तर प्रदेश में हिरासत में लिया गया है. बाकी लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है. लगातार मामले की विवेचना की जा रही है. इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कर रही है. आज शाम को मैं फिर एक बार इसकी समीक्षा करूंगा.''
कमलेश तिवारी हत्याकांड: 3 साजिशकर्ताओं ने कबूला गुनाह, जानें इस केस में अबतक क्या-क्या हुआ है
सीएम योगी ने कहा, ''भय और दहशत का माहौल पैदा करने वालों के मंसूबों को सख्ती से कुचल कर रख देंगे. इस प्रकार की किसी भी वारदात को स्वीकार्य नहीं किया जाएगा. जो भी इस घटना में शामिल होगा उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.'' कमलेश तिवारी के परिवार से मुलाकात करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ''बिल्कुल, मैं हर किसी से मुलाकात करता हूं. वे लोग भी मिलने आएंगे तो जरूर मिलूंगा. मुझे किसी से मिलने में कोई आपत्ति नहीं है.''
#WATCH UP Chief Minister Yogi Adityanath on Kamlesh Tiwari murder case: He was the President of Hindu Samaj Party. The assailants came to his house in Lucknow yesterday, sat&had tea with him, and later killed him after sending all security guards out to buy something from market. pic.twitter.com/kkbFnms17T
— ANI UP (@ANINewsUP) October 19, 2019
हत्यारों को पकड़ने के लिए 10 टीमें बनाई गईं कमलेश तिवारी के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 10 टीनें बनाई गई हैं. इनमें से सात टीमें लखनऊ में और तीन टीमें दूसरे जिलों में छानबीन कर रही हैं. एसपी क्राइम की टीम सूरत में, सीओ हजरतगंज, सीओ गाजीपुर की टीम प्रदेश अलग अलग जगहों पर छापेमारी में कर रही है.
कमलेश तिवारी हत्याकांड: परिवार ने कहा- जब तक सीएम योगी नहीं आएंगे तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे
अधिकारियों के आश्वासन के बाद अंतिम संस्कार के लिए माने परिजन कमलेश तिवारी का परिवार सीएम योगी के आने के बाद ही अंतिम संस्कार की जिद पर अड़ा था. लेकिन पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों के आश्वासन पर परिवार अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गया. कमलेश तिवारी के पैतृक घर सीतापुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि लखनऊ के कमीश्नर मुकेश मेश्राम, आईजी के साथ मिलने गए और परिवार की मांगों को पूरा करने का भरोसा भी दिया. दोपहर करीब 2 बजे उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. कमलेश तिवारी के परिवार ने अधिकारियों के सामने कुछ मांगे रखीं. जिनमें एनआईए और एसआईटी इस मामले की जांच करे. परिवार ने यह भी कहा कि मुआवज़े के साथ साथ बेटे की नौकरी भी सरकार सुनिश्चित करे.
पुलिस ने किया साजिशकर्ताओं को पकड़ने का दावा पुलिस ने केस सुलझाने का दावा किया है, गुजरात ATS का दावा है कि तीन आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. गुजरात ATS के DIG हिमांशु शुक्ला ने कहा कि हिरासत में लिए गई तीनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. यूपी पुलिस के DG ने भी माना कि तीनों साजिशकर्ताओं ने संलिप्तता कबूल कर ली है. पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं.
मिठाई के डब्बे से मिला पुलिस को सुराग पुलिस को इस हत्याकांड का सुराग एक मिठाई के डिब्बे से लगा. मिठाई का डिब्बा सूरत की एक दुकान का था, कहा जा रहा है इसी मिठाई के डिब्बे में हत्यारे हथियार छिपाकर लाए थे. डिब्बे को लेकर सूरत के उधना इलाके की धरती फरसाण में जाकर CCTV के आधार पर छानबीन शुरू की गई. दुकान के सीसीटीवी की जांच के आधार पर संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई.